इंदौर। पिछले दिनों पुलिस थाने पर हमला करने वाले सेना के अधिकारियों पर पुलिस ने डकैती और लूट के आरोप दर्ज कर रखे हैं। अब पुलिस उन्हे भगोड़ा घोषित करने जा रही है। इसके बाद आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।
विजय नगर पुलिस ने पीएसआई अतुल सोलंकी, एसआई रश्मि पाटीदार और एएसआई गोकुल वैष्णव की शिकायत पर 70 आर्मी अफसरों के खिलाफ लूट, डकैती, छेड़खानी, मारपीट, बलवा, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने सहित कई धाराओं में केस दर्ज किए थे।
जांच के दौरान टीआई छत्रपाल सिंह सोलंकी ने चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज निकाले तो हमलावर अफसरों के फुटेज मिल गए। उनकी कार और बाइक के नंबर भी मिले। पुलिस ने वाहन मालिकों से जानकारी जुटाई और 15 अफसरों की शिनाख्त कर ली। उन्हें कई बार नोटिस जारी किया, लेकिन कथन के लिए उपस्थित नहीं हुए।
कोर्ट से कसावट की कोशिश, घबराहट में आर्मी
पुलिस के मुताबिक, जांच में लेफ्टिनेंट प्रभाकर कुमार, अक्षर जोशी, एसके पत्रा, अंकित पवार, कुणाल कुमार, एसपीए चहल, एसएस यादव, विभु दीक्षित, रित्विक सिंह, गजेंद्र सिंह, आरजेवी नायडू, आदेश बिष्ट, अंकित शिवेंद्र, जयवीर सिंह चौहान, विनय प्रकाश के नाम सामने आए। एसआई ने सभी की गिरफ्तारी के लिए मुख्यालय (महू) में नोटिस जारी किया। एक बार बयान के लिए वक्त लिया, लेकिन गिरफ्तारी के डर से थाने नहीं पहुंचे। पुलिस ने नोटिस की अवहेलना करने पर केस दर्ज करने की चेतावनी दी तो नोटिस ही वापस कर दिए।
चार अफसरों पर कसा शिकंजा
पुलिस की एक टीम ने ले. ऋतिक सिंह निवासी पंचयान्नाताल रोड नियर अशोक नर्सिंग होम हावड़ा (पं. बंगाल) एवं विद्याधाम कॉलोनी जीके बाजार शिवपुर वाराणसी (यूपी) विनय निवासी भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून, अंकित कुमार कर्ज नगर गाजियाबाद आरजेवी नायडू आर्मी हेडक्वार्टर बेंगलुरु के घर पहुंची और परिजनों को नोटिस दिए।
करीब एक महीने बाद भी चार अफसरों की तरफ से जवाब नहीं आया। इसके बाद सभी को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। एसआई के मुताबिक फरार घोषित होने के बाद उनकी संपत्ति की जानकारी जुटाई जाएगी। कोर्ट से धारा 82 के तहत आदेश जारी करवा कर संपत्ति कुर्क की जाएगी।