भोपाल। ये तो करेला और नीम चढ़ा हो गया। शिवराज की केबिनेट मंत्री कुसुम मेहदेले ने पैरों में गिड़गिड़ा रहे बच्चे को शराबी बताया है और इसी के साथ शिवराज ने मामले को रफादफा करने की तैयारी कर ली, लेकिन सवाल यह है कि क्या मप्र के मंत्रियों को शराबी या विक्षिप्तों को लात मारने का अधिकार है ? यदि मंत्री के इस सफेद झूठ को सच भी मान लिया जाए तो लात मारने वाले गुनाह से वो बरी कैसे हो सकतीं हैं।
मंत्री कुसुम मेहदेले ने सोमवार को जारी एक बयान में उस मासूम बच्चे को शराबी बताया है और इसी के साथ सरकार ने मंत्री को माफ कर दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि यदि कुसुम मेहदेले के खिलाफ कार्रवाई की गई तो जातिवाद की राजनीति प्रभावित होगी और एक खास समाज के लोग सरकार से नाराज हो जाएंगे। इसी दवाब के चलते शिवराज सिंह ने यह जानते हुए कि मंत्री ने गुनाह किया है, उन्हे माफ कर दिया।
