मीना जाति को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ: हाईकोर्ट

इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यूपी में मीना जाति को अनुसूचित जाति के कोटे से आरक्षण नहीं मिल सकता है। बता दें कि राजस्थान में मीना जाति को आरक्षण मिला हुआ है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर वहां से कोई मीना यूपी में आकर रहने लगे, तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता क्योंकि यूपी सरकार की आरक्षण सूची में इस जाति का नाम नहीं है।

चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस यशवतं वर्मा की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। कोर्ट में मीना जाति के सुरेंद्र कुमार कानवाट ने विशेष अपील दायर की थी। याची को 2006-07 में सैफई मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला था। 2012-13 में एमबीबीएस के बाद पीजी कोर्स के लिए उसने आरक्षण के तहत आवेदन किया था। काउंसिलिंग के दौरान एडमिशन बोर्ड ने कहा था कि सुरेंद्र को अनुसूचित जाति के तहत आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसके खिलाफ हाईकोर्ट की एकल जज की बेंच में अर्जी दाखिल की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला बना नजीर
एकल जज की बेंच ने ये कहते हुए सुरेंद्र कुमार कानवाट की अर्जी खारिज कर दी थी कि उसने निर्धारित प्रोफार्मा में सभी जानकारियां नहीं दी हैं। इसके बाद ही विशेष अपील दो जजों की बेंच में की गई थी। डबल जज बेंच के सामने सवाल ये था कि क्या एक राज्य में आरक्षण प्राप्त शख्स को दूसरे राज्य में भी आरक्षण मिल सकता है या नहीं। बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आलोक में अपनी राय दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई शख्स अगर किसी राज्य में आरक्षण का हकदार है और दूसरे राज्य में उसकी जाति आरक्षण दिए जाने वाली सूची में शामिल नहीं है, तो उसे लाभ नहीं मिल सकता।

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