भोपाल। राजधानी में आए पंचायत प्रतिनिधियों पर लाठियां बरसाने के बाद अब सरकार उनसे घबराई हुई है। भाजपा का डर सता रहा है कि कहीं झाबुआ-रतलाम लोकसभा एवं देवास विधानसभा उपचुनाव में पंचायत प्रतिनिधियों की बगावत बड़ा नुक्सान ना करवा दे। याद दिला दें कि अपने अधिकारों की मांग करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों में भाजपा के कार्यकर्ता भी शामिल हैं जो इन दिनों अपनी ही पार्टी की सरकार से नाराज हैं और अपने प्रदेश अध्यक्ष से भी।
बीजेपी को उपचुनाव में देवास से ज्यादा चिंता रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट की सता रही है। चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं को बुलाया गया है। कांग्रेस दीपावली के बाद अपना अभियान शुरू करेगी परंतु शिवराज सिंह दीपावली से पहले ही दर्जनभर सभाएं कर रहे हैं।
बीजेपी पंचायत प्रतिनिधियों की नाराजगी को नजरअंदाज नहीं करना चाहती। झाबुआ जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की कलावती भूरिया हैं, इसलिए पार्टी को उनसे कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन आधा दर्जन जनपदों में से 4 पर बीजेपी समर्थित अध्यक्ष काबिज हैं। उधर रतलाम में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी समर्थित प्रमेश मइडा हैं। पार्टी को आशंका है कि मइडा पर पंचायत प्रतिनिधियों के आंदोलन से जुड़े डीपी धाकड़ का ज्यादा प्रभाव है। इसलिए पार्टी ने उनसे जुड़े नेताओं को विशेष रूप से ताकीद कर दिया है। किसी भी तरह का भीतरघात न हो इसके लिए पार्टी सचेत है। मइडा को साधने के लिए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान सहित अनेक वरिष्ठ नेता समझाइश दे चुके हैं।
