भोपाल। सीबीआई ने व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर प्रशांत पांडे से वो पैन ड्राइव मांगी है जिसमें सारा ओरिजनल डाटा होने का दावा किया गया है। याद दिला दें कि व्हिसल ब्लोअर ने दावा किया था कि एसटीएफ एवं क्राइम ब्रांच ने हार्डडिस्क से निकले डाटा में छेड़छाड़ की थी एवं कई प्रमुख नाम हटा दिए थे। इन नामों का कनेक्शन सीधे सीएम हाउस से भी है।
सीबीआई को जांच आगे बढ़ाने के लिए हाईकोर्ट में जमा पेन ड्राइव वहां से हासिल करनी थी, लेकिन सीबीअाई ने वह पेन ड्राइव अब तक नहीं मांगी है। अब अफसरों ने प्रशांत पांडे से पेन ड्राइव मांगी है। प्रशांत ने सीबीआई को बताया कि एसटीएफ एडीजी एसके साही ने अपने अधीनस्थों आैर आरोपियों की बातचीत सुनने व उन पर नजर रखने सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। साथ ही कुछ अन्य उपकरण भी लगवाए थे। उनके द्वारा आरोपियों के बयान की वीडियो रिकार्डिंग की जाती थी। इन रिकार्डिंग में आरोपियों ने बड़े नामों का खुलासा किया है लेकिन एसटीएफ ने यह रिकाॅर्ड सीबीआई को उपलब्ध नहीं कराया है। सीबीअाई ने प्रशांत से हार्ड डिस्क से मिले डाटा आैर तकनीकी बिंदुओं पर पूछताछ की है।
इसलिए दर्ज किए जा रहे हैं बयान
जानकारी के मुताबिक इंदौर पुलिस ने जुलाई 2013 में गिरोह का खुलासा करते हुए व्यापमं के पूर्व प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा के आॅफिस से उनके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त की थी। इंदौर पुलिस ने इन हार्ड डिस्क का परीक्षण आईटी एक्सपर्ट प्रशांत पांडे से कराया था। इस दौरान प्रशांत ने पेन ड्राइव में डाटा की मिरर इमेज सेव कर ली थी। बाद में मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया था। जांच आगे बढ़ी तो एसटीएफ पर आरोप लगे कि बड़े राजनेताओं आैर रसूखदारों को बचाने के लिए डाटा में छेड़छाड़ की गई है। इस बीच प्रशांत ने पेन ड्राइव में सेव डाटा जनवरी में दिल्ली हाईकोर्ट में जमा किया था। चार महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीअाई अब व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों आैर व्हिसल ब्लोअर के बयान दर्ज कर रही है।