इंदौर। प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनियों में पिछले 20 साल से जूनियर इंजीनियर के पद पर काम रहे अफसरों को इस बार असल में दीपावली का उपहार मिला है। प्रदेश के पांच हजार से ज्यादा जूनियर इंजीनियरों को सहायक इंजीनियर के पद पर प्रमोशन मिल रहा है। इंजीनियरों का संगठन लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था।
जूनियर इंजीनियरों से काम सहायक इंजीनियर के स्तर का लिया जा रहा था, लेकिन प्रमोशन नहीं हो रहा था। बिजली बोर्ड के वक्त नियुक्त किए गए जूनियर इंजीनियर रिटायरमेंट के कगार पर पहुंच गए हैं। वहीं कंपनी बनने के बाद नियुक्त किए गए सहायक इंजीनियरों को जिन नियम-कायदों के तहत भर्ती किया था वे अब कार्यपालन इंजीनियर के पद पर प्रमोट हो चुके हैं। इस विसंगति को लेकर भी पुराने इंजीनियर आक्रोश में थे। इंजीनियर के संगठन से जुड़े जीके वैष्णव के मुताबिक प्रदेश के पांच हजार से ज्यादा इंजीनियरों को अब जाकर प्रमोशन मिल रहा है।
एक ही पद पर इतने समय तक काम करने से अफसरों में निराशा घर कर रही थी। इसका फायदा बिजली कंपनी को ही मिलेगा। अनुभवी जूनियर इंजीनियर प्रमोट होकर जोन का चार्ज संभाल सकेंगे। इससे उपभोक्ता को अच्छी सेवा मिलेगी। लाइन का रखरखाव, आपूर्ति, खराबी होने पर त्वरित निर्णय लेने वाले अफसर तैनात होंगे। अब अनुकंपा नियुक्ति को 1997 से शुरू करवाने के लिए प्रयास किया जाएगा। प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठन इसके लिए एकजुट हैं। सरकार ने मांग मानी है, लेकिन पिछले तीन-चार साल पुराने मामलों में ही अनुकंपा नियुक्ति देने की बात कही जा रही है, जबकि 1997 से लोग इंतजार में हैं।