भोपाल। गुरूवार को अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण के बहाने आए हजारों दलितों ने चोराहे पर जाम लगा दिया था। पूरे 5 घंटे यातायात प्रभावित रहा। शुक्रवार को भी वो राजधानी में डेरा जमाए रहे।
राष्ट्रीय दलित महासभा के बैनर तले एक हजार से ज्यादा लोग शुक्रवार को अंबेडकर मैदान में धरने पर पहुंचे। वे अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल में प्रदर्शन कर रहे थे।
शुक्रवार सुबह महासभा के नेशनल जरनल सेक्रेट्री संजय भारती मुख्यमंत्री से मिले। उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में कहा कि, मंत्रियों और नेताओं के पास हजारों एकड़ भूमि है। दलितों को उसमें से जमीन दी जानी चाहिए। हालांकि यह बातचीत बेनतीजा रही।
भारती ने बताया कि, इस आंदोलन में मप्र के 25 जिलों से आदिवासी भोपाल पहुंचे थे। उन्होंने चेतावनी दी कि हालांकि,अभी आदिवासी वापस अपने-अपने घरों को रवाना हो गए हैं, लेकिन अगले महीने फिर यहां आएंगे।
इससे पहले सैकड़ों आंदोलनकारी संविधान दिवस मनाने के लिए सेकंड स्टॉप स्थित अंबेडकर पार्क पर इकट्ठा हुए। पार्क में ही लोगों ने खाना पकाया और नहाया-धोया।
गुरुवार को लगाया था जाम...
गुरुवार को आंदोलनकारी अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बहाने बोर्ड ऑफिस चौराहे पर आए और सड़क पर बैठ गए। इससे यहां से गुजरने वाले वाहन चालक ट्रैफिक जाम से परेशान होते रहे। शाम करीब पांच बजे से सड़क पर बैठे लोगों के सामने पुलिस-प्रशासन लाचार सा बना रहा। करीब पांच घंटे बाद एसपी और एडीएम ने उन्हें समझाइश दी तो वे वापस अंबेडकर पार्क जाने के लिए तैयार हुए।
यह है मांग
महासभा के राष्ट्रीय महासचिव संजय भारती का आरोप है कि दलित भूमिहीन आदिवासी बीते 5-6 वर्षों से पांच-पांच एकड़ जमीन की मांग कर रहे हैं। जमीन पर पट्टा दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री भी उन्हें भरोसा दिला चुके हैं, फिर भी उनकी मदद नहीं की। संजय ने कहा कि हम अपना अधिकार मांगने के लिए इकट्ठा हुए थे।