बरेली। जुआरियों के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई और इस दौरान हुई 2 लोगों की मौत से गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाना जला डाला। पुलिस ने 250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस के मुताबिक पुलिस ने जब जुआ खेल रहे लोगों को पकड़ने की कोशिश की, तो दिनेश और सतीश भागे। वे नदी में कूद गए। जिससे उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की खबर मिलते ही दोनों के परिजनों के साथ गुस्साए लोग थाने पर पहुंचे और वहां पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन उग्र भीड़ ने आगजनी शुरू कर दी। इससे थाने में खड़ी दर्जनों मोटरसाइकिलें जलकर राख हो गईं।
आगजनी से फर्नीचर भी जल गया
आगजनी के कारण थाने का फर्नीचर भी जलकर राख हो गया। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया और हवाई फायरिंग कर हालात पर नियंत्रण करने का प्रयास किया। फिलहाल सुरक्षा को देखते हुए कई थानों की पुलिस को यहां तैनात किया गया है। यहां पीएसी और आरएएफ की बटालियन भी तैनात की गई हैं।
दो सिपाही सस्पेंड किए गए
जुआरियों की मौत के मामले में एसएसपी ने प्रवीण और संदीप नाम के दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है। इस बीच दिनेश और सतीश की मौत पर राजनीति भी शुरू हो गई है। दोनों के अंतिम संस्कार में बीजेपी और बीएसपी के कई स्थानीय नेताओं के साथ हजारों लोग भी पहुंचे।
विधायक ने लगाया हत्या का आरोप
विधायक राजेश अग्रवाल ने इस मामले में पुलिसवालों पर हत्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बरेली पुलिस अपराध रोकने में नाकाम हो रही है। वहीं, केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही से दोनों दलित युवकों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की मदद की जाएगी।