IAS ने प्राइवेट नौकरियां कर काटे 8 सल

आगरा। जरा सोचिए, यदि एक युवक आईएएस की परीक्षा पास करे और प्रशिक्षण के दौरान ही राजनीति का शिकार हो जाए, उसे बर्खास्त कर दिया जाए तो..। आईएएस अधिकारी जयसिंह यादव के साथ ऐसा ही हुआ। प्रशिक्षण के दौरान एक मंत्री से बहस क्या हुई, बर्खास्त कर दिए गए। पूरे 8 साल न्याय की लड़ाई लड़ी। गुजर बसर के लिए प्राइवेट नौकरियां कीं, तब कहीं जाकर सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला।

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के मूल निवासी जय सिंह यादव को वर्ष 2007 में आईएएस में बिहार कैडर मिला। उन्होंने प्रशिक्षु के रूप में बतौर एसडीएम ज्वाइन किया। इसी बीच चुनावी हिंसा हो गई। इस दौरान बिहार सरकार के एक मंत्री से उनकी कहासुनी हो गई।

बात इतनी बढ़ गई कि उन्हें निलंबित कर दिया गया। बाद में बर्खास्त भी कर दिया गया। उसके बाद वे परेशान हो गए। घर में आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। दो बहनों में एक ने एम् टेक किया और दूसरी ने मेहनत से आईएएस की परीक्षा क्वालीफाई की।

इधर, जय सिंह ने आईएएस एसोसिएशन से मदद मांगी। एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में उनके पक्ष में लड़ाई लड़ी। मामला आठ साल तक खिंच गया। इस बीच जय सिंह जीवनयापन के लिए अलीगढ़ में प्राइवेट नौकरी करते रहे। चार दिन पहले आगरा के छलेसर में बीएस सिकरवार इंटर कॉलेज जा पहुंचे। वहां कॉलेज के रंजीत सिंह सिकरवार से मिले और नौकरी मांगी। यहां उन्होंने चार दिन तक पढ़ाया।

शनिवार को छलेसर पुलिस चौकी इंचार्ज इनसे मिलने पहुंचे। उन्होंने जय सिंह को उनकी बहाली के आदेश के बारे में बताया। चौकी इंचार्ज केएस पाल ने बताया कि डीएम कार्यालय से थाने पर फोन आया था कि जय सिंह की आईएएस में बहाली हो गई है। उन्हें तत्काल दिल्ली में रिपोर्ट करना है। उसके बाद वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

  • उक्त जानकारी आगरा के पत्रकार श्री मनोज मिश्र/राहुल शर्मा ने दी। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!