भोपाल। व्यापमं माफिया का शिकार हुए विजय सिंह पटेल की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। सीबीआई ने विजय की पत्नी एवं भाई के बयान रिकार्ड किए।
रीवा के चौखड़ा निवासी विजय पटेल शाजापुर जेल में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत था। व्यापमं घोटाले की जांच में नाम आने पर उसे गिरफ्तार किया गया था। छूटने के बाद वह अपनी पत्नी से मिलने छत्तीसगढ़ के कांकेर गया था।
कांकेर से 16 अप्रैल को वह भोपाल के लिए निकला था, लेकिन कांकेर के ही एक लॉज में उसका शव मिला। एसटीएफ ने भी विजय पटेल की मौत को संदिग्ध माना था।
व्यापमं मामलों में लगातार हो रही मौतों के बाद विजय के पिता छोटेलाल ने बेटे की हत्या का आरोप लगाया था। छोटेलाल ने कहा था व्यापमं घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ में शामिल एक अधिकारी खुद व्यापमं फर्जीवाड़े में शामिल था। उसकी नियुक्ति फर्जी तरीके से परीक्षा पास कर हुई है। इसकी जानकारी हाथ लगना ही मेरे बेटे की मौत का कारण बन गई।
विजय को थी रैकेट की पूरी जानकारी
छोटेलाल ने दावा किया कि विजय को न केवल उसके पूरे रैकेट की जानकारी लग गई थी, बल्कि संबंधित दस्तावेज भी उसने हासिल कर लिए थे. छोटेलाल ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की थी।
मोबाइल और बैग गायब
विजय की मौत को लेकर रहस्य गहराने के पीछे एक वजह उसका मोबाइल और बैग गायब होना भी है। यदि मामला आत्महत्या या दिल का दौरा पड़ना था तो फिर सामान गायब होने की कोई वजह नहीं थी।
बताया गया कि विजय के पास अटैची में कई दस्तावेज व कुछ साक्ष्य थे। साथ ही मोबाइल में कई बड़े लोगों सहित फर्जीवाड़े से पास हुए एसटीएफ के उस अधिकारी का नाम व नम्बर भी था जो बड़े ओहदे में हैं। विजय की मौत के बाद उसका बैग व मोबाइल रहस्यमय ढंग से गायब हो गया।