भोपाल। हाईकोर्ट जबलपुर ने एक नोटिस जारी कर गृहविभाग एवं पीएचक्यू से पूछा है कि सब इंस्पेक्टर भर्ती मामले में सीबीआई जांच क्यों नहीं करा दी जाए। याद दिला दें कि व्यापमं के जरिए हुईं इन भर्तियों के बाद प्लाटून कमांडर्स का पद परिवर्तित करके उन्हें सब इंस्पेक्टर बना दिया गया था। इस घोटाले का व्हिसल ब्लोअर कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं बल्कि मप्र पुलिस का ही एक सब इंस्पेक्टर नरेश बेहरा है।
यह मामला पिछले दो सालों से विवादों में बना हुआ है। इस मामले की पैरवी कर रहे वकील अजय रायजादा के अनुसार वर्ष 2011 में व्यापमं ने गृह विभाग के लिए सूबेदार, सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के खाली पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इसकी चयन सूची जारी होने के बाद वेटिंग लिस्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया। मामले को लेकर लंबे समय तक हाईकोर्ट की इंदौर और ग्वालियर बेंच में विचाराधीन रहा। अंत में पिछले दिनों जबलपुर हाईकोर्ट ने जांच कमेटी की अनुशंसाओं के बाद मामले में अपना फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया। यही नहीं हाईकोर्ट ने गृह विभाग सहित पीएचक्यू को कारण बताओ नोटिस जारी कर सीबीआई जांच की मांग में जवाब पेश करने को कहा है।