भोपाल। मप्र सरकार ने जिलास्तर के अधिकारियों के कई सारे खर्चों में कटौती कर दी है। सरकारी विभागों के पास जितनी कारें हैं अब उतनी ही रहेंगी। ना तो नई कार खरीदी जा सकती है और ना ही किराए पर ली जा सकती। सबकुछ फिजूलखर्ची रोकने के लिए किया जा रहा है, परंतु महंगी हवाईयात्राओं पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। मंत्रीमंडल के सदस्य एवं राज्य स्तर के अधिकारी लक्झरी यात्राएं बेधड़क कर सकते हैं।
मप्र के खेतों और सरकरी खजाने में सूखे के हालात के चलते यह निर्णय लिया गया है। वित्त विभाग ने आदेश में कहा है कि प्रदेश के प्रभावित किसानों को राहत राशि देने के लिए बजट में कटौती की जा रही है। इसके चलते अब कोई भी अधिकारी अपने लिए न तो नए वाहन खरीद सकेगा, न ही किराए पर ले सकेगा। इतना ही नहीं वर्ष 2015-16 में बजट में विभागों को कार्यालय खर्च, मरम्मत और सुधार के लिए दी गई राशि भी वे खर्च नहीं कर सकेंगे। वित्त विभाग ने कहा कि सभी कार्यालय 2014-15 में खर्च की गई राशि के बराबर ही इस वर्ष खर्च करेंगे।
महंगा हवाईसफर फिर भी जारी
मंत्रालय के आला अफसरों ने महंगे हवाई सफर बिजनेस क्लास और फर्स्ट क्लास के सफर पर रोक लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया। उनका कहना था कि इस तरह की यात्रा पर अधिक राशि खर्च नहीं होती है, इसलिए इस पर रोक लगाना उचित नहीं है। आला अफसरों के विरोध को देखते हुए वित्त विभाग ने महंगे हवाई सफर पर रोक लगाने का प्रस्ताव हाल फिलहाल स्थगित कर दिया है।