रतलाम। सरकार की लापरवाहियां आम नागरिकों के लिए जानलेवा होतीं हैं। यह मामला इसका स्पष्ट प्रमाण है। आसपास सरकारी चिकित्सा उपलब्ध ना होने के कारण ग्रामीण अपने बीमार बच्चों को तांत्रिकों के पास इलाज के लिए ले जा रहे हैं जहां बच्चों को गर्म सलाखों से दाग दिया गया।
घटना खाचरोद थाना क्षेत्र के दिवेल गांव की है। जहां निमोनिया से बीमार एक बच्ची शिवानी को उसके ही परिजनों ने गांव में गर्म सलाखों से दाग लगवाया। देशी भाषा में इसे डाम लगाना कहते है। बच्ची के परिजनों ने हॉस्पिटल में पर्याप्त इलाज नहीं मिलने से यह कदम उठाया है। ग्रामीण क्षेत्रो में मान्यता है कि इससे बच्चों को बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
मासूम शिवानी को जब जिला अस्पताल में भर्ती करवाया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। हालांकि, इस बच्ची की हालत ठीक है और बाल चिकित्सालय ने बच्ची का इलाज जारी है।
इसी तरह का दूसरा मामला भी बाल चिकित्सालय में देखने को मिला। रावटी गांव में रहने वाले एक साल के बच्चे को भी बीमारी से बचाने के लिए गर्म सलाखों से दागा गया है। इस बच्चे को इलाज के लिए बाल चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है। बाल चिकित्सालय की डॉक्टर राधिका गुप्ता के मुताबिक, दोनों बच्चों की हालत खतरे से बाहर है।
