भोपाल। आज जब मेडिकल बदनाम, और डॉक्टर भगवान के बाद लूटने वाला शैतान बनता जा रहा है, एक डॉक्टर ऐसा भी है जो बच्चों की मदद के लिए चेन्नई से भोपाल दौड़ा चला आता है। इलाज करता है और आने जाने का पैसा भी नहीं लेता लेकिन यह डॉक्टर दुआओं से मालामाल है। लाखों हाथ इसके लिए दुआएं मांगते हैं।
डॉ. जिमी शाद ने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमएस की पढ़ाई की है। इसके बाद अपोलो अस्पताल चेन्नई में नौकरी करने चले गए, फैलोशिप की और अब एडवांस रोबोटिक सर्जरी में भी मास्टर हो गए। लेकिन सीने में एक नरम दिल आज भी है।
जब भी भोपाल के बच्चों की बात आती है तो चाहे कोई आने-जाने का खर्च दे या न दे, फीस दे या न दे, तुरंत चेन्नई से रवाना होते हैं और भोपाल आकर ऑपरेशन कर देते हैं। पिछले हफ्ते ही उन्होंने यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (मूत्र संबंधी विकृति) से पीड़ित बच्चों का ऑपरेशन एक ट्रस्ट के अस्पताल में किया। वह भी एकदम नि:शुल्क। भोपाल में बच्चों की यूरोलॉजी प्रॉब्लम के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। डॉ. शाद इसी कमी को पूरा कर रहे हैं।
