मप्र में बिजली कर्मचारी भी शिवराज से नाराज

इंदौर। कर्मचारियों का शायद ही अब कोई ऐसा वर्ग बचा हो जो शिवराज से नाराज नहीं है। बिजली कर्मचारियों अपने ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से परेशान हैं। छोटे कर्मचारियों पर काम का बड़ा बोझ तो लादा जा रहा है परंतु प्रमोशन नहीं दिए जा रहे। इसके अलावा पूरा विभाग ही ठेकेदारों से भरता जा रहा है। 25 हजार पद रिक्त हैं परंतु भर्तियां नहीं हो रहीं।

इंदौर में रविवार को विद्य मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ की बैठक आयोजित की गई। जिसमें तकनीकी कर्मचारियों को आ रही दिक्कतें और उनकी पदोन्नति को लेकर चर्चा की गई, आगामी रणनीति बनाई गई। बिजली कर्मचारियों की नाराजगी इस बात पर है कि प्रदेश के घरों में बिजली पहुंचाने का काम करने वाले कर्मचारियों की ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

उनका कहना है कि विभाग में करीब 25 हजार पद खाली हैं। जिसके चलते कम संख्या में कर्मचारियों को ज्यादा उपभोक्ताओं को सेवाएं देने में समस्याएं आ रहीं हैं। कर्मचारियों की मांग है कि जो कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी पद पर भर्ती होते हैं, उसी पद पर रिटायर्ड हो जाते हैं। जबकि उनके प्रमोशन का प्रावधान है। इसके बावजूद भी बिजली कर्मचारियों वेतनमान बढ़ाने के बजाए लगातार ठेका पद्धति को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

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