भोपाल। मप्र की पंचायतें सरकार के खिलाफ लामबंद हो गईं हैं। पिछली दफा एक लॉलीपॉप थमाकर उन्हें चुप करा दिया था परंतु अब मुन्ना मानने के मूड में नहीं है। सरकार भी थोड़ी चुक गई है। वो पंचायत अध्यक्षों को लालबत्ती और गनर देने को तो तैयार है परंतु वित्तीय अधिकार देने के मूड में नहीं है।
भिंड में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा के प्रदेश महामंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने खुद यह जानकारी दी। उन्हे पंचायत प्रतिनिधियों की हड़ताल खत्म कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
भदौरिया ने बताया कि पंचायती राज अधिनियम की धारा में हुए संशोधन के बाद से पंचायत की लगभग सभी मदों का पैसा सीधे सरपंच के खाते में पहुंचाया जा रहा है। इस बात से पंचायत अध्यक्षों का खफा होना वाजिब है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इनकी मांगों पर कोई समुचित हल निकाल लिया जाएगा। जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों ने अपने मांग पत्र में 24 मांगों का उल्लेख किया हुआ है।
