इंदौर। कानून की नजर में गुनाह सिर्फ गुनाह होता है परंतु कुछ गुनाह ऐसे होते हैं जो सरकारी खामियों के कारण पैदा होते हैं। मप्र में बेरोजगारी और मंदी युवाओं को अपराध की ओर धकेल रही है। ताजा मामला ऐसा ही है। कपड़ों की सिलाई करके शांति की जिंदगी बसर करने वाले युवक का जब धंधा ही चौपट हो गया तो पहले नौकरी तलाशी, नहीं मिली तो ठगी शुरू कर दी।
एएसपी (क्राइम) विनय प्रकाश पॉल के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों का नाम श्याम जैसवार निवासी छत्रीपुरा, संतोष गुप्ता निवासी कुशवाह नगर और प्रभात उर्फ रिंकू जॉर्ज हैं। आरोपियों के खिलाफ एक वर्ष पूर्व अपराध शाखा थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था।
प्रशांत अग्रवाल से आरोपी 10 लाख रुपए के 118 मोबाइल लेकर फरार हो गए थे। एएसपी के मुताबिक आरोपी व्यापारी बनकर ठगी करते थे। फरियादी ने बताया श्याम ने फर्जी दस्तावेजों से पैनकार्ड, टिन नंबर और परिचय-पत्र बनवा लिया। इन दस्तावेजों से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में खाता भी खुलवा लिया।
उसने ग्लोबल इंफोटेक कंपनी के नाम से दुकान खोली। वहां संतोष व रिंकू को काम के लिए रख लिया। आरोपियों ने प्रशांत से मोबाइल खरीदे। बदले में सेंट्रल बैंक के चेक दे दिए। कुछ दिनों बाद दुकान बंद कर भाग गए। जांच में आरोपियों के पेपर और पते फर्जी निकले। कुछ दिनों पूर्व सूचना मिली श्याम गंगवाल बस स्टैंड के पीछे माली मोहल्ला में पत्रकार बनकर छुपा है।
टीम पहुंची तो वह फरार हो गया। गुरुवार को सूचना मिली श्याम छत्रीपुरा में लोगों से बात कर रहा है। दोपहर में टीम ने उसे पकड़ लिया। श्याम ने बताया सिलाई में कमाई नहीं होती थी। इसलिए रिंकू और संतोष के साथ ठगी शुरू की। पुलिस राजेश की भी तलाश कर रही है। संतोष के पिता सेल्स टैक्स विभाग में क्लर्क हैं।