जबलपुर: दंगा नहीं हुआ, पुलिस की लापरवाही से भड़की थी हिंसा

सिहोरा। आज यहां हुआ उपद्रव अचानक किसी घटना की प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि हिन्दुओं को भड़काने के लिए ही प्लान किया गया था और हुआ भी वही जैसी प्लानिंग थी। इस मामले में लोकल पुलिस की भूमिका संदिग्ध है, क्योंकि वो लास्ट टाइम तक उस व्यक्ति को बचाने की कोशिश करती रही जिसने दंगा भड़काने के लिए बछड़े को काटकर फैंक या फिंकवाया।

क्या था मामला
थाना परिसर से 200 मीटर दूरी पर गोल्डन स्टूडियों के समाने शुक्रवार को रात्री करीब 3:30 से 4:30 के बीच अज्ञात तत्वों ने एक गाय के बछडे का आधा कटा धड एवं पीठ में गंभीर चोट के कारण निकला मांस वाला बछडा सडक किनारे छोडकर चले गए। सुबह जैसे ही लोग मार्निग वाक पर निकले और लोगों को इसकी खबर दी तब लोग एकत्र होने लगे। करीब 8 बजे पुलिस बल भी पहुॅच गया।

पुलिस ने डाला आग में घी
पुलिस का कहना था कि किसी वाहन की टक्कर से गाय का बछडा कट गया किंतु पुलिस का यही स्टेटमेंट इस आक्रोश का कारण बन गया क्योंकि जहां कटा हुआ बछड़ा मिला, वहां आसपास कहीं खून के निशान नहीं थे। एक्सिडेंट हुआ होता तो आसपास खून भी बिखरता। साफ समझ आ रहा था कि बछड़े को काटा कहीं और गया है जबकि लाश यहां डाली गई है। जैसे ही यह तथ्य प्रकाश में आया, हिन्दु संगठनों के कार्यकर्ता एकजुट होना शुरू हो गए। फिर भी उन्होंने कोई उत्पात नहीं मचाया, बल्कि संदेह जाहिर किया कि कसाईयों ने यह हरकत माहौल खराब करने की मंशा से की होगी। उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए।

एक दिन पहले भी हुई थी गाली गलौच
आजाद चौक में दोंनो समिति एवं कमेटी के लोगो ने एक मिसाल दी कि दोनों झंडे एक ही खम्बे पर लगाये तथा बैनर में दोनों ने इस्तकबाल भी किया और महौल भी शांति​प्रिय चल रहा था कि शांति में खलल डालने आजाद चौक निवासी अमजद कबाडी ने आरती के समय पीछे से गाली गलौच करते हुए निकल गया।

पुलिस फिर भी चुप रही
अमजद कबाड़ी की इस हरकत की शिकायत पुलिस को की गई थी परंतु पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिस पर आरती समाप्ती के बाद लोग आक्रोशित हो गए, लेकिन शांति कायम रही। कोई उपद्रव नहीं हुआ।

हिंदू तो बस शवयात्रा निकाल रहे थे
बछड़े का शव मिलने के बाद भी तनाव नहीं फैला, क्योंकि मुसलमान समाज भी हिंदुओं के साथ था। विषय का केन्द्र तो केवल एक शरारती अमजद कबाड़ी ही था। लोगों ने उस पर भी कोई हमला नहीं किया। बस बछड़े के शव को भगवा कपड़े में लपेटकर शवयात्रा निकाल रहे थे। शवयात्रा थाने के नजदीक से गुजरी। इस दौरान हिंदुओं ने पुलिस के खिलाफ कुछ नारे भी लगाए।

पुलिस ने कर दिया लाठीचार्ज
इसके बाद हिंदुओं का दल शव को लेकर पीएम हाउस की ओर बढ़ने लगा। तभी पीछे से पुलिस बल ने लाठीचार्ज कर डाला। इसके बाद हालात नियंत्रण से बाहर हो गए। भीड़ ने जवाब में पथराव किया और थाने पर हमला कर दिया। इस दौरान बस स्टेंड पर खडी बस, मोटर साईकिल एवं दुकानों में तोडफोड़ हुई। यह हरकत किसने की, अभी पता नहीं चल पाया है, क्योंकि हिंदुओं का दल सिर्फ पुलिस के प्रति आक्रोशित था।

अब भी वही राग
गाय का बछडा पहले से बीमार था तथा उसको इन्फेक्शन भी हुआ जिससे आवारा कुत्तो ने नौच कर घायल किया और बछडा सडक पर आ गया जिसे किसी वाहन ने टक्कर मार दी और उसकी मौत हो गईं। आप शांत बनाने प्रशासन की मदद करें ।
छोटे सिंह, अपर कलेक्टर

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