भोपाल। मप्र की मंडियां सोयाबीन से भरी पड़ीं हैं। सरकारी रिकार्ड बताते हैं कि प्रदेश में सोयाबीन की आवक 30 प्रतिशत ज्यादा रही है। इस हिसाब से देखा जाए तो किसान नाहक ही आत्महत्याएं कर रहे हैं और यदि सचमुच खेत बर्बाद हैं तो सवाल यह है कि मंडियों में सोयाबीन कहां से आ गया।
पिछले साल 2014-15 में 15 सितंबर से 15 अक्टूबर के दौरान 3.5 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की आवक मंडियों में हुई थी। इस वर्ष इसी अवधि में यह बढ़कर 4.5 लाख मीट्रिक टन हो गया। इस हिसाब से मंडियों से आ ही जानकारी के अनुसार इस अवधि में करीब 30 फीसदी अधिक सोयाबीन का आवक हुआ है। कहीं ऐसा तो नहीं कि इसमें भी कोई घोटाला पल रहा हो।