शाही वेशभूषा में सिंधिया परिवार ने किया विजयदशर्मी पूजन

ग्वालियर। सिंधिया यूं तो सालभर एक दिग्गज नेता की भूमिका में रहते हैं परंतु विजयदशर्मी के दिन पूरा शाही परिवार वर्षों पुरानी पारंपरिक पोषाक में दिखाई देता है। परंपरानुसार पूजा करता है और फिर अपने सरदारों से मुलाकात भी करता है। यह दिन वो खास अवसर है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर महाराज बनकर सामने आए।

वे अपनी शाही पोशाक पहनकर गोरखी पैलेस पहुंचे और विजयादशमी की पूजा की। पूजा के बाद गोरखी में ही उनके पैर छूने के लिए लोगों में होड़ लग गई। बाद में महाराज सिंधिया ने जयविलास पैलेस में मराठा सरदारों के साथ मुलाकात की और दशहरे की शुभकामनाएं दीं।

गोरखी पैलेस में विजयादशमी की पूजा, ग्वालियर रियासत में उस समय से चली आ रही है, जब से यहां सिंधिया राजवंश का शासन था। सिंधिया राजवंश का प्रत्येक शासक इस परंपरा का पालन करता आ रहा है। वर्तमान में सिंधिया राजवंश का प्रतिनिधित्व ज्योतिरादित्य सिंधिया कर रहे हैं। चूंकि विजयादशमी पर विशेष पूजा होती है, इसके कारण गुरूवार को सिंधिया अपनी राजसी पोशाक में जयविलास पैलेस से गोरखी परिसर पहुंचे। उनकी शाही पोशाक, मराठा पगड़ी और तलवार का यह रूप देखकर कई ऐसे लोग हैरान भी हुए, जिन्होंने पहली बार सिंधिया का महाराज वाला रूप देखा था।

विधिविधान से की पूजा
गोरखी परिसर में सिंधिया के कुलदेवता का मंदिर है। इस मंदिर में सिंधिया ने विधिविधान से पूजा की। इस पूजा में मराठा सरदार भी उनके साथ थे। जैसे ही पूजा खत्म हुई, कुछ लोग उनका आर्शीवाद लेने के लिए पैर भी छूने लगे। पूजा के बाद सिंधिया वापस पैलेस पहुंचे और वहां पर उन्होंने अपना विजयादशमी का दरबार भी लगाया। इस दरबार में मराठा सरदारों के वंशजों को ही जाने की अनुमति ही है। इसके अलावा कुछ गणमान्य नागरिक भी इस शाही दरबार में पहुंच पाते हैं। शाम के समय सिंधिया मांढरे की माता के पास पहुंचकर आमजन से मुलाकात भी की। 

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