जबलपुर। व्यापमं कांड में हाईकोर्ट पर उंगली उठाने वाले कांग्रेस के महासचिव मोहन प्रकाश ने माफीनामा पेश किया है। उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया गया था। माफीनामा में उन्होंने सफाई दी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
बुधवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस केके त्रिवेदी की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कांग्रेस महासचिव मोहन प्रकाश की ओर से बचाव में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा व शशांक शेखर खड़े हुए। उन्होंने लिखित जवाब के आधार पर अवमानना याचिका आगे न चलाए जाने पर बल दिया।
अवमानना याचिकाकर्ता जिला अदालत जबलपुर के क्रिमनल लॉयर अनिल सोनी, हाईकोर्ट बार के कोषाध्यक्ष संजय सेठ सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि कांग्रेस महासचिव मोहन प्रकाश ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की छवि पूरे देश में धूमिल करने की कोशिश की है। एक अंग्रेजी दैनिक में उनका बयान प्रकाशित हुआ जिसमें कहा गया था कि मध्यप्रदेश शासन और एसआईटी/एसटीएफ के अलावा व्यापमं मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हाईकोर्ट की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।