भोपाल। सरपंचों को चेक काटने का अधिकार वापस देने और पंचायतों में अधिकारियों की दखलंदाजी समाप्त करने जैसी मांगों को लेकर 28 अक्टूबर को प्रस्तावित आंदोलन के लिए पंचायत प्रतिनिधि भोपाल में जुटने लगे हैं। कोर कमेटी के ज्यादातर सदस्यों ने देर शाम तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए मोर्चा संभाल लिया।
एक टीम सिर्फ प्रदेशभर से आने वाले पंचायत प्रतिनिधियों की व्यवस्था बनाने में लगी है। आंदोलन टीटीनगर के दशहरा मैदान में होगा। हालांकि, पंचायत विभाग को भरोसा है कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में अधिकांश मांगों पर समझौता होने से ज्यादा लोग इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।
कोर कमेटी के संयोजक डीपी धाकड़ ने बताया कि सरकार ने बार-बार पंचायत प्रतिनिधियों को सिर्फ आश्वासन का झुनझुना पकड़ाया है। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में सिर्फ बीजेपी समर्थित प्रतिनिधियों को बुलाकर हमारी एकता तोड़ने का प्रयास किया गया, जिसका जवाब 28 अक्टूबर को मिल जाएगा।
हमारी मांग सिर्फ 1993 का पंचायतीराज अधिनियम को जस का तस लागू करने की है। पंचायत विभाग ने अधिकारियों की समितियां बनाकर चुने हुए जनप्रतिनिधियों के अधिकारों पर कैंची चला दी है। सरपंच से चेक पावर वापस लेकर उन्हें अपंग बना दिया है। जिला को दो करोड़ और जनपद पंचायतों को सालाना एक करोड़ रुपए की विकास राशि देने के आदेश जरूर जारी किए गए हैं पर इसमें सिर्फ बड़े काम करने का पेंच फंसा दिया।
अब जिले में इस राशि से साल में आठ काम ही हो सकते हैं, जबकि पहले पंचायतों के अधूरे कामों को पूरा करने में जिला व जनपद पंचायत आर्थिक मदद कर सकती थी। पंचों को 500 रुपए प्रति बैठक देने की मांग भी नहीं मानी गई, जबकि ये व्यवहारिक थी। धाकड़ ने दावा किया कि जब तक पंचायत प्रतिनिधियों की मांगें पूरी नहीं होती हैं आंदोलन जारी रहेगा।