नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज मोदी सरकार को जमकर लताड़ा। दिल्ली में पुलिसकर्मियों की कमी के कारण सुरक्षा में हो रही चूक को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार कड़ी कार्रवाई के लिए मजबूर ना करें। दिल्ली में आम लोगों को आदर्श सुरक्षा व्यवस्था देना सरकार की जिम्मेदारी है।
न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति संजीव सचदेव की पीठ ने राजधानी की सुरक्षा-व्यवस्था व महिला सुरक्षा मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप कड़ी कार्रवाई के लिए मजबूर कर रहे हैं। आप लोगों से वोट मांगने जाते हैं, इसलिए आपको उनकी सुरक्षा के लिए सोचना होगा। पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि यह काफी गंभीर मुद्दा है कि मात्र पैसे के कारण पुलिसकर्मियों की भर्ती नहीं की जा रही है। यदि अब भी कुछ नहीं किया गया तो इस बात को अदालत के रिकॉर्ड में ले आएंगे।
केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा कि इस बार अदालत की टिप्पणियों पर ध्यान दें और लोगों की सुरक्षा की दिशा में कदम उठाया जाएगा। अदालत ने कहा कि कैबिनेट 4 सप्ताह में इस मुद्दे पर फैसला ले। इससे पूर्व वित्त मंत्रालय की ओर से पेश अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 16 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती को मंजूरी प्रदान कर दी थी। वित्त मंत्रालय ने पाया कि इस पर प्रति वर्ष 483.56 करोड़ रुपये खर्च होगा। इस खर्च को कैबिनेट ही मंजूरी दे सकती है। संभवत: कैबिनेट की मीटिंग चार सप्ताह में हो जाए।
