जबलपुर। चुनाव जीतने के बाद सरकारी खर्चे पर लक्झरी लाइफ के लिए जनप्रतिनिधि अपनी रुसवाई तक करा लेते हैं। इन दिनों नगरनिगम की अध्यक्ष सुमित्रा बाल्मीक की गांधीगिरी चर्चा में हैं। वो 10 साल पुरानी कार से सफर करना पसंद नहीं करतीं, इसलिए उन्होंने सरकारी कार त्याग दी। अब बाइक से आफिस आतीं हैं। सबको पता चले इसलिए जबलपुर के पत्रकार बंधुओं से फोटोशूट भी करवा रहीं हैं।
नई लक्झरी कार के लिए वो कई दिनों से लिखापढ़ी कर रहीं थीं। उनका कहना है कि उन्हे मिला वाहन 11 साल पुराना है और चाहे जहां खराब हो जाता है।
सरकारी बंगला भी चाहिए
निगम अध्यक्ष को सरकारी बंगला भी चाहिए। इसके लिए भी वो पिछले 8 महीने से जद्दोजहद कर रहीं हैं। उनका कहना है कि भोपाल, इंदौर और उज्जैन के निगमाध्यक्षों को नगर निगम ने भवन दिया है तो उन्हें क्यों नहीं मिलना चाहिए।
कुल मिलाकर उनका पूरा फोकस इन दिनों सरकारी बंगले और लक्झरी कार पर है। यह बात दीगर है कि चुनाव के वक्त उन्होंने केवल जनसेवा का संकल्प लिया था।
