धरती के रंग। यूं तो अपराधियों का ठिकाना बस जेल ही होती है परंतु राजस्थान में तीन मंदिर ऐसे है जहां अपराधियों को अपराध से मुक्ति मिल जाती है। लोग यहां पुलिस और कोर्ट के झंझट से मुक्त होने के लिए मन्नतें मांगते हैं। हथकड़ी चढ़ाते हैं। अफीम के तस्कर यहां अफीम चढ़ाते हैं।
यहां पाप कुंड में नहाने पर मिलता है पाप मुक्ति प्रमाण-पत्र
प्रतापगढ़ के अरनौद में स्थित महादेव के इस मंदिर में पाप मुक्ति कुंड में नहाने के बाद पाप उतर जाते हैं और मात्र 12 रुपयों में पाप मुक्ति प्रमाण पत्र भी मिल जाता है। मंदिर के पुजारी ओर से जारी किए जाते इस प्रमाण पत्र पर अमीनाथ कचहरी गौतमेश्वर की मोहर भी लगाई जाती है। मान्यता है कि अगर किसी शख्स का गांव में हुक्का पानी बंद हो तो इस प्रमाण पत्र से वह फिर से अपनी प्रतिष्ठा वापस पा सकता है।
यहां हथकड़ी चढ़ाने वाले के पास तक नहीं फटकती पुलिस
दरअसल भीलवाड़ा की सीमा पर स्थित बेगूं कस्बे में जोगणिया माता का मंदिर की कुछ ऐसी ही मान्यता है कि लोग यहां हथकड़ी चढाते हैं। माना जाता है कि जो अपराधी पुलिस से पीछा छुडाना चाहते है वह यहां आकर यदि हथकड़ी चढ़ा देते हैं तो पुलिस से उनको मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि अपराधी यहां भविष्य में अपराध न करने कमस खाता कर यहां हथकडि़यां बांधता है तो कुछ दिनों बाद ही हथकडि़यां अपने आप खुल जाती हैं।
यहां अवैध अफीम डिलीवरी होने पर चढ़ता है करोड़ो का चढ़ावा
चित्तौड़गढ़ का सांवलिया सेठ मंदिर वैसे तो यह मंदिर अपने करोड़ो रुपए के चढ़ावे के लिए प्रसिद्ध है लेकिन पैसे के साथ साथ यहां अफीम भी चढ़ाई जाती है। चढावे से ज्यादा पैसा तो यहां अफीम के रुप में आता है और प्रसाद के रुप में अफीम का चणनामृत भक्तों को दिया जा है। कहा जाता है कि लोग यहां अवैध अफीम की डिलीवरी सकुशल होने की मन्नत मांगते है और पूरी होने पर 100 ग्राम या 50 ग्राम की अफीम की पुडि़या चढ़ाते है। जबकि यहां के महंत का कहना है कि यहां अफीम इस लिए चढ़ाई जाती है क्योंकि लोगों की अफीम की फसल की पैदावार अच्छी हो।