जोधपुर। यहां हाईकोर्ट ने एक लवमैरिज कराने में मुख्य भूमिका निभाई। पिता की गिरफ्तर में कैद प्रेमिका को ना केवल मुक्त कराया बल्कि प्रेमी के साथ प्रेमपूर्वक विदा भी कराया। उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अजीत सिंह व न्यायाधीश अरूण भंसाली की खण्डपीठ इस मामले में सुनवाई की।
चित्तौड़गढ़ निवासी आशीष अग्रवाल ने अधिवक्ता रंजना शर्मा के जरिए याचिका दायर कर कहा कि उसकी प्रेमिका सुमन को उसके पिता ने बंदी बना रखा है और वह उसकी शादी उसकी इच्छा के विपरीत किसी और के साथ करना चाहते हैं।
न्यायालय के आदेश पर उसकी प्रेमिका व उसके पिता सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खण्डपीठ में पेश हुए। युवती ने याचिकाकर्ता के साथ अपने प्रेम सम्बन्ध स्वीकारते हुए उसके साथ जाने की इच्छा जताई। जिस पर खण्डपीठ ने इसकी इजाजत देते हुए पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़ को प्रेमी जोड़े को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिए।