भोपाल। बेवजह नौकरी से निकाल दिए गए 1214 प्रगणकों में से एक ने मोदी को खुलाखत लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है। इससे पहले वो हर चौखट पर नौकरी बहाल करने के लिए गुहार लगाते रहे, हर द्वार से आश्वासन मिला लेकिन नौकरी बहाल नहीं हुई। परेशान प्रगणक अब आत्महत्या करना चाहता है।
प्रति,
श्रीमान मा. नरेन्द्र मोदी जी
प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली
विषय :- इच्छा मृत्यु की अनुमति बावत
सन्दर्भ :- लंबित प्रकरण आर्थिक एव् सांखियकी संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मध्यप्रदेश के 1214 प्रगणको की सेवावृद्धि एव् नियमितीकरण की प्रक्रीया सुनिश्चत करने या वैकल्पिक रोजगार प्रदान करनें बाबद।
महोदय जी
उपरोक्त बिषय में लेख है कि आर्थिक एव् सांखियकी संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्धारा 13वे वित्त आयोग के अनुशंसित कार्यों हेतु दिसम्बर 2014 में मध्यप्रदेश शासन के पोटल MPOnlline से लिखित/ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से 1214 प्रगणक को चयनित कर जिला कार्यालयो में पदस्थ किया गया था! मार्च 2015 को केन्द्र सरकार की योजना 13वे वित्त आयोग का कार्यकाल खत्म होने के कारण सेवा से पृथक कर दिया गया, जबकि प्रगणको का चयन एक जटिल प्रक्रिया 600/- रु प्रति अभ्यर्थी आवेदन शुल्क सहित प्रदेश के लाखो बेरोजगारो को लिखित/ऑनलाइन परीक्षा में सम्मिलित कर 1214 प्रगणकों का चयन किया गया है, जिसने मेरा और मेरे परिवार का सरकार के प्रति विश्वास छीण किया है उक्त परिस्थिति के परिणाम स्वरूप मेरे परिवारों के सदस्यों के संवैधानिक मूलभूत नागरिक अधिकारों, जैसे भूख, शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार आदि, से वंचित होना स्वाभाविक है और हमारे उक्त मूलभूत अधिकार की रक्षा करना ओर पुनः प्रदान करना सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है।
यह दु:खद स्थिति है, की मेरा पूरा परिवार उक्त योजना के कार्यकाल खत्म होने के कारण सडक पर आनें की स्थिति में है इसका अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं इसके अतिरिक्त मेरे परिवार के पास अन्य कोई आय का साधन नहीं है मेरे पूर्व के सभी अवसर स्थाई रूप से खत्म हो गए है, भूमिहिन् हू क्षेत्र में अन्य कोई रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं है 03 बर्षो पश्च्यात अधिकतम आयु सीमा भी पूर्ण हो जायेगी, 19 बर्षो से रोजगार प्राप्ति के लिए योग्यतानुसार लगातार प्रयासरत था कुछ परीक्षायो में आर्थिक तंगी के कारण सम्मिलित नहीं हो सका जिनमें सम्मिलित हुआ या तो वे घोटालों की भेट चड गई या चयन नहीं हो सका आखिर सफल हुआ विश्वास था की सरकार न्याय करेगी !
अतएव भारतीय शासन का नागरिक संरक्षण का कर्तव्य सफल हो एवं पीड़ित परिवार की पीडा शीघ्र दूर हो, इस सुरक्षात्मक-सकारात्मक उद्देश्य को ध्यान में रखकर, आपको कई वार निवेदन पत्र प्रेषित कर निवेदन किया गया की हम पीड़ित प्रगणको एव् हमारे परिवारों के उक्त मूलभूत नागरिक अधिकार की रक्षा करे ओर पुनः प्रदान कर सरकार का संवैधानिक का कर्तव्य करते हुवे प्रकरण (सेवावृद्धि एव् नियमितीकरण की प्रक्रीया सुनिश्चत करने या वैकल्पिक रोजगार प्रदान करनें) का समाधान तुरंत किया जाये, हम लगातार सात – आठ माह से उक्त लंबित प्रकरण का अत्यंत विनम्रतापूर्वक आग्रह मा.मंत्री जयंत कुमार जी मलैया एव् श्रीमान अधिकारी महोदया तथा महोदय को स्मरण करते रहे है परन्तु दुःख का बिषय है प्रकरण के समाधान का आश्वासन दिया जाता रहा है। परन्तु आठ माह में भी प्रकरण का समाधान कर किसी अधिकृत कार्यवाही से अवगत नहीं कराया गया है! हम आर्थिक एव् मानसिक पीड़ा से ग्रस्त है, श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय जी को दिनाक 01/04/2015 घाट पिपरिया (बरेली) जिला रायसेन में सदाव्रत के उदघाटन कार्यक्रम स्वयं ओर मा.विधायक महोदय के माध्यम से प्रेषित किया एव् दिनाक 06/04/2015 को भा.ज.पा प्रदेश कार्यालय भोपाल पर निवेदन पत्र प्रेषित कर प्रकरण के समाधान के लिए निवेदन किया था आपके द्धारा अस्वसित किया गया था की उक्त प्रकरण का जल्द समाधान करा दिया जायेगा, व् मा.प्रधानमंत्री महोदय जी को क्रमाक PMOPG/E/2015/0050620 द्धारा निवेदन किया ओर समय समय पर स्मरण कराते रहे, हमे विश्वास था की शासन हमारे साथ न्याय करेगा, किन्तु दुःख का बिषय है की आपके द्धारा भी उक्त प्रकरण को गम्भीरता से नहीं लिया गया, केन्द्र शासन द्वारा स्वयं ही अथवा राज्य सरकारों की मदद से देश में विभिन्न योजनाओं को लागू करना और इन योजनाओं के संचालन के लिये के राज्य के हजारो लाखों युवाओं की सेवाएं लेने के बाद उन्हे कुछ वर्षों में या कुछ महिनों के बाद सेवा से पृथक करके मझधार में छोड देना क्या न्यायोचित है, यह व्यवहार या यह व्यवस्था सरकार द्वारा संवैधानिक दायित्वों का उल्लंघन है
अतः मै सरकार के व्यवहार ओर व्यवस्था से आर्थिक एव् मानसिक रूप से आघातित हू परिवार की आर्थिक सहयता कर पाने में अस्वस्थ हू, बेरोजगारी ओर बेकारी से लज्जित हू अतएव मै मारना चाहता हू मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने की कृपा करे आपकी महान कृपा होगी।
विश्वास है कि उक्त निवेदन पत्र पर आपके द्वारा योग्य कार्यवाही कीजाएगी।
हस्ताक्षर
Devendra Kirar Bareli (Devendra Dhakad)
Mo +919424434473
E-mail dkirar1978@gmail.com