लंका जलाने गए थे हनुमान, रावण जलाकर लौट आए

इंदौर। हनुमान गए थे लंका जलाने, गफलत में रावण की धोती भी जल गई। राम को अग्निबाण चलाने का मौका ही नहीं मिला और मिनटभर में दशानन खाक हो गए।

दशहरा महोत्सव समिति ने दशहरा मैदान के 111 फीट के रावण के दहन के लिए इस बार रात 7.30 बजे का समय तय किया था। महू नाका से निकली भगवान राम की शोभायात्रा और अतिथि 7 बजे से पहले ही पहुंच गए। इसके बाद रंगारंग आतिशबाजी हुई और 7 बजे लंका के साथ रावण दहन हो गया।

दशहरा महोत्सव समिति के उपाध्यक्ष सुरेश मिंडा ने कहा कि वानर सेना के जल्द आने और लंका के साथ रावण में भी आग लग जाने के कारण समय से पहले रावण दहन हो गया। उपाध्यक्ष प्रहलाद शर्मा और महामंत्री नारायण सिंह ने बताया कि लंका के साथ ही रावण में आग लग गई, इसलिए राम को अग्निबाण चलाने का मौका नहीं मिल पाया। कार्यक्रम स्थल पर महापौर मालिनी गौड़, पं. कृपाशंकर शुक्ला, शोभा ओझा, प्रमोद टंडन आदि मौजूद थे।

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