राकेश दुबे@प्रतिदिन। राजनीति को शुद्ध करने वालों के लिए यह एक जरूरी सूचना है कि बिहार विधानसभा के पहले चरण में हत्या सहित गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपित 130 उम्मीदवार चुनावी जंग में उतरे हैं। इस चरण में कुल 243 में से 49 सीटों पर 12 अक्तूबर को मतदान होगा और इसमें कुल 583 उम्मीदवार अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं।
ऐसोसिएशन फॉर रिफॉर्म्स (एडीआर) ने भारत चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध उम्मीदवारों के शपथ पत्रों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसके आधार पर सन्गठन का कहना है कि इस चरण में १७० उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं और उनमें से १३० उम्मीदवारों को गंभीर गैर जमानती अपराधों के सिलसिले में आरोपित किया गया है। ये उम्मीदवार ३७ निर्वाचन क्षेत्रों से खड़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस चरण के चुनाव में कुल १६ उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या से जुड़े मामले हैं। इनमें वारसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के जद (यू) उम्मीदवार प्रदीप कुमार भी शामिल हैं। उनकेशपथ पात्र के अनुसार उनके खिलाफ हत्या के चार मामले हैं। इस सूची में सात निर्दलीय उम्मीदवार है जिनके खिलाफ हत्या के मामले हैं। रिपोर्ट के अनुसार कुल ३७ उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले हैं। हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार रामस्वरूप यादव के खिलाफ ऐसे पांच मामले हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा, बसपा और जन अधिकारी पार्टी (लोकतांत्रिक) के एक-एक उम्मीदवार और जद (यू) के तीन उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में हत्या के प्रयास के मामले हाने की बात स्वीकार की है। एडीआर उन ३७ विधानसभा क्षेत्रों को ‘रेड अलर्ट क्षेत्र’ घोषित कर दिया है जहां तीन या तीन से ज्यादा उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में २५ प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा १९ करोड़पति उम्मीदवार जद(यू) के हैं। भाजपा के ऐसे १८ उम्मीदवार हैं जबकि राजद के ११ उम्मीदवार हैं। रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति एक करोड़ ४४ लाख रुपये हैं।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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