स्मार्ट सिटी के लिए संविदा कर्मचारी महासंघ ने दिए सुझाव

भोपाल। स्मार्ट सीटी बनाने के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा आज कर्मचारी संगठनों की बैठक बुलाई गई थी। जिसमे संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने भी लिखित तथा मौखिक अपने सुझाव बैठक में महापौर आलोक शर्मा और आयुक्त तेजस्वी नायक को दिये। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर सबसे पहले महापौर आलोक शर्मा और तेजस्वी नायक को लिखित में अपने सुझाव दिये। जिसमें उल्लेख किया गया था कि

(1) स्मार्ट सीटी में केवल इंटरनेट और क्रांकिट की इमारत खड़ी कर देने से स्मार्ट सीटी नहीं हो जायेगी और वो स्मार्ट सीटी में रहने वाले लोगों का पेट नहीं भर सकते इसलिए जितने लोग स्मार्ट सीटी में रहेंगें उतने लोगों को खाने के सब्जीयां और अनाज भी वहीं पर उगाया जाए । जिससे वहां के रहवासियों को जैविक सब्जियां मिले ।

(2) नई स्मार्ट सीटी बनाने की बजाए पूरे शहर को ही समार्ट सीटी बनाया जाए क्योंकि स्मार्ट सीटी बनाने के लिए हम कर्मचारी संगठनों से आप सुझाव मांग रहे हैं वो तो उन स्मार्ट सीटी में कभी घर भी नहीं ले पायेंगें क्योंकि समार्ट सीटी के मकानों की कीमत करोड़ों में होगी इसलिए हम लोग तो कभी उन मकानों को ले भी नहीं पायेंगें । यदि स्मार्ट सीटी अलग से बनेगी तो वर्ग विभेद पैदा होगा समार्ट सीटी में रहने वाले और आम शहर में रहने वाले ।

(3) शहर को समार्ट बनाने स्वच्छ बनाने के लिए सबसे पहले पन्नी बीनने वाले और कचड़ा बीनने वालों को कुटीर उघोग और लघु उघोग से जोड़कर उनको रोजगार देना होगा क्योंकि रहवासी अपने घरों का कचड़ा डस्टबीन में डालते हैं और सुबह पन्नी और कचड़ा बीनने वाले डस्टबीन का सारा कचड़ा डस्टबीन के बाहर बिखेर देते हैं । इसलिए उकको रोजगार देना होगा ।

(4) कोई भी सड़क ऐसी नहीं है जिसके आजू बाजू अवैध गुमठियों का अतिक्रमण ना हो, जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं । सबसे पहले अतिक्रमण मुक्त सड़के की जाएं।

(5) सरकार की और से वेल्डििंग करने वाले को आदेश जारी हो कि कोई भी वेल्डिंग की दुकान वाला बिना नगर निगम की परमीशन के घुमठियों को नहीं बनायेगा । और जो भी बनायेगा उसकी दुकान सील कर दी जायेगी ।

(6) कचड़े के कंटेनर के सामने सीसीटीवी लगाई जाए और जो भी कचड़ा कंटेनर के बाहर फेकते हुये पाया जाए । जुर्माने के स्वरूप कचड़े का कंटेनर एक माह तक उसके घर के सामने रख दिया जाए।

(7) लोगों के चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व का निर्माण किया जाए । जब तक लोगों में नैतिक गुणों और चरित्र का निर्माण नहीं होगा तब स्मार्ट सीटी का निर्माण नहीं किया जा सकता।

महापौर आलोक शर्मा ने संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर द्वारा दिये गये सुझावों को सभी के सामने सराहा और सभी से कर्मचारी संगठनों से कहा कि संविदा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर द्वारा दिये गये सुझाव बहुत अच्छे हैं। 
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