नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनावी हलफनामे में अपनी पत्नी की जानकारी छिपाने को लेकर अब कोई कार्रवाई नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. मामला 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव है. तब मोदी ने मणिनगर विधानसभा सीट से पर्चा भरा था और अपनी वैवाहिक स्थिति छुपाई थी.
2014 में दी पत्नी की डिटेल
मोदी ने 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान पत्नी की जानकारी दी. इसके बाद अप्रैल 2014 में अहमदाबाद के निशांत वर्मा ने याचिका लगाई. लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
छह महीने की सजा का प्रावधान
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (3A) के तहत नामांकन दाखिल करते समय जानकारी छिपाना अपराध है और छह महीने तक की जेल का प्रावधान है. याचिकाकर्ता ने कहा था कि मोदी ने जानकारी छिपाकर अपराध किया है. हाईकोर्ट ने कहा था कि याचिका एक साल से ज्यादा समय बाद दाखिल की गई, इसलिए कार्रवाई नहीं की जा सकती.