भिंड। जिस पीड़ित महिला किसान से दुर्व्यवहार के कारण भिंड कलेक्टर मधुकर आग्नेय को भिंड से भोपाल बुलाया गया उस महिला किसान की समस्याएं अब भी जस की तस बनीं हुईं हैं।
पानी के अभाव में चार बीघा खेत की फसल सूख गई है, जबकि महिला के खेत पर ट्यूबवेल है। महिला द्वारा कई बार आग्रह के बाद भी खेत पर डीपी नहीं रखवाई जा सकी है।
उसके पति द्वारा निजी स्तर पर सिंचाई की सुविधा के उद्देश्य से खेत पर ट्यूबवेल के साथ-साथ विद्युत ट्रांसफार्मर भी रखवा लिया था। 10 वर्ष पूर्व हुई पति की मौत के कुछ दिनों बाद डीपी फुंक गई। तदुपरांत उसने कई बार बिजली अधिकारियों को डीपी बदलने के लिए कहा, लेकिन सुनवाई नहीं की गई।
इस बार पानी नहीं बरसने पर खेतों में खड़ी धान की फसल सूखने लगी तो वह जनसुनवाई में कलेक्टर मधुकर आग्नेय के पास पहुंची थी, लेकिन उन्होंने भी शिकायत सुनने के बजाए दुत्कार कर भगा दिया था।
बर्बाद हो गई चार बीघा खेत की फसल
छुट्टोबाई की मानें तो पानी नहीं मिलने के कारण उसकी चार बीघा खेत में खड़ी धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। निजी स्तर पर ट्यूबवेल होने के बाद भी बिजली नहीं दी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि उस पर 80 हजार का बिल बकाया है, जबकि डीपी फुंकने के बाद उसे बदलवाए बिना ही बिजली कंपनी से बिल निरंतर भेजा जाता रहा। ऐसे में वह कहां से और कैसे बिल भरे।