पत्रकार पिस्टल क्यों नहीं रख सकता: हाईकोर्ट


जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पत्रकार को पिस्टल रखने की अनुमति न दिए जाने के मामले में राज्य के गृह विभाग से जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए 23 नवंबर तक की मोहलत दी गई है।


गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस संजय यादव की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता उमरिया निवासी पत्रकार बृजेन्द्र तिवारी का पक्ष अधिवक्ता राजेश चंद ने रखा।

कलेक्टर व एसपी ने की अनुशंसा
उन्होंने दलील दी कि उमरिया के कलेक्टर व एसपी के अलावा कमिश्नर ने भी पिस्टल लायसेंस के आवेदन पर अनुशंसा-पत्र जारी कर दिया है। इसके बाद फाइल फाइनल मोहर के लिए गृह विभाग भेजी गई। जहां से अनुमति न देते हुए आवेदन रद्द कर दिया गया। इसी वजह से न्यायहित में हाईकोर्ट की शरण ली गई।

हमला हो चुका, हमले की आशंका
याचिकाकर्ता का कहना है कि पूर्व में उसके ऊपर हमला हो चुका है। पिछले दिनों जिस तरह मीडिया कर्मियों के ऊपर हमले हुए, उससे यह आशंका बढ़ गई है कि उसके ऊपर फिर से हमला हो सकता है। दरअसल, इसीलिए बतौर एहतियात आत्मरक्षा के मकसद से पिस्टल लायसेंस चाहा गया है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!