भोपाल। जिस मप्र में चपरासी पद के लिए पीएचडी और इंजीनियर्स अप्लाई करते हैं, जहां 7000 रुपए महीने वेतन वाली संविदा नियुक्ति के लिए कड़ी परीक्षा होती है, उसी मप्र में सरकार डॉक्टरों की सीधी भर्ती करने जा रही है, वो भी परमानेंट।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए पॉलिसी बनाने के आदेश दे दिए हैं। प्रदेश में डॉक्टरों के 7200 पद हैं, इनमें से 3000 रिक्त हैं। अब तक सरकार ने रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कुछ इस तरह के नियम बनाए थे कि एमबीबीएस पासआउट अप्लाई ही नहीं कर रहे थे। अब सीधी भर्ती के नाम पर नई पॉलिसी बनेगी।
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने कहा कि हम जल्द ही ऐसी नीति बनाने जा रहे हैं, जिससे डॉक्टरों को निजी अस्पतालों की तरह आकर्षक पैकेज और सुविधाएं मिल सके। प्रमुख सचिव ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डॉक्टरों को पदस्थ करने के लिए सेवा शर्तें आकर्षक बनाई जाएंगी, जिससे डॉक्टर स्वयं अपनी मर्जी से वहां पर जा सकें।