जबलपुर। इंसान बेटे के मरने पर आत्महत्या नहीं करता, किसान फसल बर्बाद होने पर आत्महत्या कैसे कर सकता है। किसी डॉक्टर ने थोड़े ही कहा है कि खेत में सोयाबीन लगाओ, जो ठीक हो वो लगाओ। ऐसी बेतुकी दलीलें शिवराज की केबीनेट मंत्री कुसुम मेहदेले ने सूखे से पीड़ित किसानों के बीच दीं।
दमोह में सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके पथरिया में किसानों से मिलने पहुंची पीएचई मंत्री कुसुम मेहदेले उल्टा किसानों पर ही बरसती नजर आईं। किसानों की लगातार हो रही आत्महत्या पर उन्होंने कहा कि बेटे की मौत पर पिता आत्महत्या नहीं करते और सूखा बेटे की मौत से बड़ी त्रासदी नहीं है। ऐसे में ये कैसे माना जाए कि किसान ने फसल खराब होने की वजह से आत्महत्या की है।
मेहदेले इसके बाद अपने अधिकारियों की रिपोर्ट को सही बताते हुए बोली कि, कहीं पर भी फसल खराब होने से किसान ने आत्महत्या नहीं की है। अधिकारियों ने अगर रिपोर्ट में अन्य कारणों से किसान की मौत लिखी है तो ऐसा ही हुआ होगा।
क्या डॉक्टर ने बोला सोयाबीन लगाओ
कुसुम मेहदले ने किसानों से मुलाकात के दौरान बार-बार अपने तीखे तेवर दिखाए। बड़ी मात्रा में सोयाबीन की फसल बर्बाद होने पर उन्होंने किसानों को डांटते हुए कहा कि उन्हें क्या किसी डॉक्टर ने कहा कि वो हर साल सोयाबीन की फसल बोएं और अपनी जमीन का कबाड़ा कर लें।