शिवा कॉर्पोरेशन को अफसरों ने दिया जमकर फायदा

ग्वालियर। मप्र में रेत खनन के लिये चर्चित कंपनी शिवा काॅर्पोरेशन को राजनैतिक इशारों पर सरकार के अफसरों ने अंधाधुंध मदद की है। इतना ही नहीं एमपीएसएमसीएल कंपनी को भी आला अफसरों ने जमकर फायदा दिया। जिसका नतीजा कि प्रदेश सरकार को मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क का 19 करोड़ नहीं मिला। रेत खनन में जो स्टाम्प शुल्क के रूप में जो बसूली की जानी थी, उसे बसूलने पर अफसरों ने लापरवाही बरती।

सीएजी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है, इसके अलावा उक्त कंपनी पर 6 करोड़ का जुर्माना लगाने वाले एसडीएम को भी बदल दिया गया। प्रदेश में रेत खनन के पट्टे राज्य सरकार ने बीते वर्ष में कई कंपनियों को दिये थे और इन कंपनियों ने करोड़ों की नर्मदा और अन्य नदियों में रेत खनन कर सरकार को रेत खनन का लगाया।

सबसे ज्यादा चूना सरकार को एमपीएसएमसीएल कंपनी ने लगाया, इस कंपनी को डबरा में रेत खनन का पट्टा दिया गया। जिसे कंपनी ने स्टार मिनिरल रिसोर्च प्रा.लि. को आबंटित कर दिया। इस कंपनी से मुद्रांक शुल्क के रूप में 1 करोड़ 16 लाख 54 हजार की बसूली करनी थी, परंतु कंपनी ने 87 लाख 40 हजार की राषि जमा नहीं कराई।

इसी कंपनी को भितरवार में 1 मार्च 2013 से 28 फरवरी 2015 तक के लिये रेत खनन पट्टा दिया गया। उक्त कंपनी ने षिवा काॅर्पोरेषन को सवलेट कर दिया और षिवा से 11 लाख 49 हजार के एवज में मात्र 8 लाख 62 हजार ही जमा कराये। होषंगाबाद, बावई, भिंड, दतिया, सेंवढ़ा, मेहगांव, मिहोना, लहार, रौन, इटारसी, पिपरिया में भी उक्त कंपनी षिवा काॅर्पोरेषन तथा स्टार मिनिरल्स, आरएसआई स्टोन, कुबेर कामना लि. आदि से भी लाखों रूपये मुद्रांक शुल्क के नहीं बसूले गये। 
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