सुनील तिवारी/सीहोरा/जबलपुर। इस कहानी को यदि आप ठीक से पढ़ लेंगे तो रोंगटे खड़े हो जाएंगे। क्या 21वीं सदी में भी ऐसा हो सकता है कि विधायक की जमीन को प्राइम लोकेशन पर लाने के लिए लोगों के घरों को तोड़ा जा रहा हो। पुलिस ऐसे काम कर रही हो जैसे वो विधायक की प्राइवेट पुलिस हो। यह सबकुछ हो रहा है और ग्रामीण त्राहिमाम करते नजर आ रहे हैं।
यह पूरा मामला सिहोरा तहसील की ग्राम पंचायत किवलारी है जिसका थाना क्षेत्र गोसलपुर है। यहां सिहोरा विधायक ने लगभग 4 वर्ष पहले अपने किसी रिश्तेदार के नाम पर मंहगी बाई पति रतिराम आदिवासी से जमीन खरीदी थी ।ये जमीन एन.एच.7 से कुछ ही दूरी पर है जिसका रकवा एक एकड है। हाईवे और जमीन के बीच में कुछ लोगों के मकान बने हुए हैं। लेकिन यहां के लोगो ने बताया कि जब से नंदनी मरावी ये जमीन खरीदी है तभी से इनके द्वारा हम लोगों की जमीन खाली कराने के लिये अलग अलग अधिकारियो से परेशान कराया जाता है तथा चाहे जब पुलिस से बोलकर यहां के निवासियों को थाने में बिठा लिया जाता है जबकि ये सभी लोग पिछले कई सालों से इस आबादी वाली जमीन पर निवासरत है और यहां पर पटवारी हल्का नं.80, किवलारी ग्राम पंचायत में आता है जिसका खसरा नं.81/1 आबादी वाला रकवा है जो हाईवे रोड से लगा हुआ है।
जिसके ठीक पीछे खसरा नं.85/2 है जिसे विधायक मरावी ने अपने किसी रिस्तेदार के नाम से खरीदी थी जिसकी जानकारी जमीन बेचने वाली मंहगी बाई ने बताया कि विधायक मरावी मैडम ने जमीन खरीदी थी लेकिन यहां के निवासियों का कहना है कि ये जमीन को फ्रंट में लाने के लिये रोड के किनारे बसे है इन वांसिदों को उनके घरों से बेघर करने के लिये पुलिस के द्वारा दवाब बनाया जा रहा हैं।जिसकी आप बीती यहां के लोगों ने खुद बयां किये।
