भोपाल। छोटी बचत और जीवन बीमा करने का झांसा देकर लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले एनजीओ अभिनव प्रयास की धरपकड़ के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इसमें बाग सेवनिया, मिसरोद और शाहपुरा थाने के पुलिसकर्मी शामिल हैं।
उधर, बाग सेवनिया टीआई ललित डागुर ने शनिवार को टीम के साथ अभिनव प्रयास के आई-7, संत आसाराम नगर स्थित ऑफिस में छानबीन की। हालांकि उन्हें यहां कुछ खास नहीं मिला। अब आसपास के लोगों से पूछताछ कर उनके ठिकानों की तलाश की जा रही है। वहीं, एक टीम आरोपियों के खातों की जानकारी जुटाने सभी बैंकों से संपर्क कर रही है। खातों की जानकारी मिलते ही उन्हें सीज करने की कार्रवाई की जा सकती है। टीआई ने बताया कि अब तक 15 जिलों में एनजीओ के फैले होने की जानकारी मिली है। ऐसा अनुमान है कि एनजीओ का संपर्क और अधिक जिलों तक हो।
भोपाल में होने की संभावना से इनकार
पुलिस आरोपियों के भोपाल में होने से इनकार कर रही है। उनका मानना है कि आरोपी अप्रैल 2015 से फरार हैं, ऐसे में उनके भोपाल या प्रदेश में छिपे रहने की संभावना कम है।
पीड़ितों का एनजीओ से सीधे संपर्क नहीं था
वर्ष 2009 में आकाश दीप ने पत्नी शिखा राय, संजय श्रीवास्तव, राजेश सिन्हा, आशीष सिन्हा, रीतेश कुमार सिन्हा, संदीप श्रीवास्तव, शशिकांत, एसके महोबिया और एसके दास गुप्ता के साथ मिलकर एनजीओ बनाया था। उन्होंने प्रदेश भर में पंचायत स्तर पर प्रतिनिधि नियुक्त किए। ये प्रतिनिधि ही लोगों को सदस्य बनाकर उनसे रुपए लेते और एनजीओ के खाते में जमा करवाते थे। यही कारण रहा कि पीड़ितों का एनजीओ के पदाधिकारियों से सीधे संपर्क नहीं था।
पुलिस राशि का सिर्फ अंदाजा लगा रही
पुलिस को धोखाधड़ी की राशि करोड़ों तक पहुंचने की आशंका है। उन्होंने अप्रैल 2010 से लोगों को जोड़ना शुरू किया था। ऐसा माना जा रहा है कि यदि प्रत्येक जिले से 200 लोगों ने रुपए लगाए होंगे तो आरोपियों ने पांच साल में करीब साढ़े पांच करोड़ की कमाई की होगी।
LIC के अफसरों से भी होगी पूछताछ
एनजीओ के सेमिनार में एलआईसी के अधिकारियों से लेकर नेता, विधायक और मंत्री शामिल होते थे। आरोपियों ने खुद को एलआईसी के लिए काम करने वाली संस्था बताया था, इसलिए लोगों को उन पर भरोसा हो गया। पुलिस का कहना है कि जरूरत पड़ी तो सेमिनार में शामिल होने वालों से भी पूछताछ की जाएगी।
60 लोग आए सामने, और बढ़ेगी संख्या
एनजीओ की धोखाधड़ी का दायरा देखते हुए एसआईटी का गठन किया गया है। भोपाल में अब तक करीब 60 लोग सामने आए हैं, जिनकी संख्या 150 तक पहुंच सकती है। आरोपियों के खातों का पता चलते ही उन्हें सीज कर दिया जाएगा।
राजेश सिंह भदौरिया, एएसपी जोन-2