मासूम बच्चों की गुमशुदगी यहां भी दर्ज कराएं

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भोपाल। मासूम बच्चों के गुम होने की सूचना अब एक क्लिक पर प्रसारित हो जाएगी। लापता हो रहे बच्चों की बढ़ती घटनाओं से चिंतित राजधानी की पुलिस ने एक अभिनव प्रयोग शुरू किया है। इसके तहत पुलिस ने 'चाइल्ड केयर'नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है। इसमें आम आदमी भी बच्चे के खो जाने की त्वरित सूचना फोटो के साथ शेयर कर सकता है। इससे कुछ ही मिनट बाद लापता बच्चे की सूचना चाइल्ड लाइन की वेबसाइट 'ट्रेक द मिसिंग चाइल्ड' के जरिए पूरे देश में प्रसारित हो जाएगी।

एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि हाल में लापता बच्चों पर केंद्रित एक बैठक बुलाई गई थी। इसमें बच्चों के हित में काम कर रही संस्था चाइल्ड लाइन के साथ ही शहर के सभी थानों में पदस्थ विशेष किशोर पुलिस इकाई के अफसर भी मौजूद थे। इसमें लापता बच्चों के बारे में सामन्जस्य बनाने और उन्हें समय रहते तलाशने के बारे में मंथन किया गया। इस दौरान 'चाइल्ड केयर' नाम से एक वॉट्सएप ग्रुप बनाने का फैसला किया गया। यह काम विशेष किशोर इकाई के हनुमानगंज थाना में पदस्थ ओमेश्वर ठाकरे को सौंपा गया। यह हाईटेक व्यवस्था शनिवार से शुरू कर दी गई है। इससे गुम हुए बच्चों की जानकारी चाइल्ड लाइन, यूनिसेफ, महिला एवं बाल विकास विभाग के अलावा पुलिस, रेलवे पुलिस तक तत्काल पहुंच जाएगी। इससे लापता हुए बच्चे की तलाश में काफी आसानी होगी।

वेबसाइट पर सूचना प्रसारित हो जाएगी
चाइल्ड लाइन की संचालक अर्चना सहाय ने बताया कि वॉट्स एप के जरिए कई बच्चों के मिलने के बाद इसकी उपयोगिता बढ़ गई है। 'चाइल्ड केयर' ग्रुप के जरिए मिसिंग बच्चे की सूचना मिलते ही संस्था उसकी जानकारी अपनी वेब साइट 'ट्रेक द मिसिंग चाइल्ड' पर डाल देती है। इससे उसके बारे में सूचना पूरे देश में फैल जाती है।

आम आदमी भी कर सकता है शेयर
यदि किसी व्यक्ति को कोई बच्चा लावारिस भटकता मिलता है या फिर किसी का बच्चा खो जाता है, तो वह भी 'चाइल्ड केयर' ग्रुप पर बच्चे की जानकारी दे सकता है। इसके लिए वह इन नंबरों पर संपर्क कर सकता है।

एएसपी, राजेशसिंह भदौरिया-मो.नंबर-98273 22306
अर्चना सहाय- मो.नंबर-94253 00572
एसआई,आमेश्वर ठाकरे-94249 78120

गलत सूचना पर दर्ज होगा केस
एएसपी भदौरिया ने बताया कि 'चाइल्ड केयर' वाट्सएप ग्रुप पर झूठी सूचना देने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उसके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाएगा। इस मामले में दोष सिद्ध होने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।
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