भोपाल। मप्र में उन किसानों से कर्ज वसूली नहीं की जाएगी जिनकी 60 प्रतिशत से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है परंतु कर्ज वसूली से बचने के लिए सरकार को बड़े जतन करने होंगे।
मप्र में अब तक 5 जिलों में 38 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित हुईं हैं। अब इसको लेकर भी लड़ाई जारी है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि बुंदेलखंड के अधिकांश जिले सूखाग्रस्त हैं, पर इन्हें घोषित नहीं किया गया। इसी तरह पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह विंध्य क्षेत्र में सूखे की वजह से बर्बाद फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर सोमवार को सतना में प्रदर्शन करेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसी मामले में प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
अपेक्स बैंक के प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा ने बताया कि सभी बैंकों को सूखे की रिपोर्ट के आधार पर कर्ज की मियाद अल्पावधि से मध्यावधि में तब्दील करने का प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है।