झाडग़्राम। पश्चिम मिदनापुर जिले में चार साल के बच्चे के पेट से मृत भ्रूण निकाला गया है जो चिकित्सा विज्ञान की एक दुर्लभ घटना है। बच्चे का इलाज करने वाले डॉ. शीर्षेंदु गिरि ने सोमवार को बताया कि उसे पेट में अत्यधिक दर्द के साथ नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था और शुरू में संदेह था कि कोई ट्यूमर हो सकता है।
हालांकि अल्ट्रासोनोग्राफी और सीटी स्कैन जैसे परीक्षणों के बाद पता चला कि बच्चे के पेट में मृत भू्रण था। गिरि के मुताबिक रविवार रात बच्चे का ऑपरेशन किया गया और भ्रूण को निकाल दिया गया जिसके हाथ, पैर, नाखून विकसित हो गए थे और आंशिक रूप से सिर भी विकसित हो गया था। उन्होंने बताया कि बीनपुर थानांतर्गत खरिकाबंद गांव का रहने वाला यह बच्चा अब ठीक है और डॉक्टरों की देखरेख में है।
डॉक्टर के मुताबिक जब गर्भावस्था की शुरूआत में जुड़वां शिशुओं में से एक गर्भनाल के माध्यम से दूसरे में प्रवेश कर जाता है तो दूसरे शिशु के लिए परजीवी की तरह हो जाता है और तब यह स्थिति बनती है। जन्म के बाद यह एक बच्चे के पेट में रह जाता है। 'शिशु के अंदर शिशु' फीटस इन फीटू जैसी चिकित्सकीय असामान्य स्थिति दुर्लभ होती है और प्रत्येक पांच से छह लाख लोगों में एक में पाई जाती है।