नईदिल्ली। बनारस एक बार फिर सुलग उठा। क्या मिटा और क्या बचा इसकी लिस्ट तो आज बन पाएगी परंतु वो सबकुछ हुआ जिसकी उम्मीद कतई नहीं थी। सुरक्षा के लिए बल भी तैनात था और शांति की पुरजोर अपील भी, फिर भी बनारस भड़क गया। आधे शहर में तोड़फोड़ और आगजनी की ना जाने कितनी घटनाएं हुईं।
पिछले दिनों संतों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में अन्याय प्रतिकार यात्रा टाउनहाल से निकाली गई। टाउनहाल में सभा करने के बाद यात्रा गोदौलिया चौराहे के लिए आगे बढ़ी। हजारों की भीड़ हर हर महादेव के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रही थी। पदयात्रा के साथ सुरक्षा के लिए पुलिस और पीएसी भी साथ चल रही थी। मगर किसी को अंदाजा नहीं था कि यात्रा पहुंचने से पहले गोदौलिया जलने लगेगा। गोदौलिया चौराहे पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और दूरदराज से आए संत तो नहीं पहुंचे मगर वहां आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव जमकर हुआ। अंतत: प्रशासन को आधे शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा।
शांति की अपील में किसने मचाई हुड़दंग?
साधू- संतों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पांच अक्टूबर को अन्याय प्रतिकार यात्रा निकालने का आह्वान किया था। इसके तहत सोमवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद दोपहर श्रीविद्या मठ से टाउन हाल के लिए निकले। वे सीधे टाउनहाल मैदान पहुंचे। जहां सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। धीरे-धीरे यात्रा में शामिल होने वाले लोगों की संख्या हजारों में तब्दील हो गई। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पूरी सभा के दौरान भीड़ से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते रहे। साथ ही वह सभी वक्ताओं से राजनैतिक मुद्दों को न उठाने की बात कहते रहे। पूरी यात्रा के दौरान नारेबाजी और महादेव के जयकारे गूंज रहे थे, मगर शांतिपूर्ण तरीके से।
बाबा की अगुवाई में निकली यात्रा
टाउनहाल ग्राउंड में दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पदयात्रा शुरू करने का आदेश दिया। बाबा विश्वनाथ की अगुवाई में यात्रा टाउनहाल से महादेव के जयकारे के साथ शुरू हुई। शांतिपूर्ण तरीके से चल रही यात्रा में शामिल लोगों ने बाबा के जयघोष के साथ प्रदेश सरकार, पुलिस और लाठीचार्ज के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पूरे रास्ते भर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और उनके सहयोगी भीड़ से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे।
जुड़ते रहे लोग, बनता गया कारवां
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आह्वान पर निकली अन्याय प्रतिकार यात्रा में पल- पल में लोग जुड़ते रहे। दूरदराज से आए साधू- संत, व्यापारी संगठन, निजी समाजसेवी संगठन, कांग्रेस, बीजेपी, आप, शिवसेना, हिंदू युवा वाहिनी, बजरंग दल, धोबी समाज, मल्लाह समाज, वकीलों के साथ अन्य लोग जुड़ते रहे और धीरे- धीरे एक कारवां बन गया। प्रतिकार यात्रा में पूर्व सांसद डॉ। राजेश मिश्रा, एमएलए अजय राय, एमएलए रवींद्र जायसवाल, एमएलए श्यामदेव राय चौधरी, एमएलए ललितेशपति त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी राजेशपति त्रिपाठी, मणिशंकर पांडेय, अनिल श्रीवास्तव, अरविंद किशोर राय आदि के अलावा शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
नारों से गूंजती रही प्रतिकार यात्रा
अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल लोगों ने 'धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो' बोलते हुए यात्रा की शुरुआत की। संत 'जय श्री राम, जय- जय श्रीराम', 'गणपति बप्पा मोरया', 'पार्वती पतये, हर- हर महादेव' जैसे शांतिपूर्ण नारे लगाते रहे। भीड़ 'का चुप साथ रहे बलवाना', 'हिन्दू आस्था से खिलवाड़, बंद करो- बंद करो', 'साधु- संतों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान', 'मूर्ति विसर्जन कहां करोगे, गंगा जी में- गंगा जी में', 'पुलिस के बल पर गुण्डागर्दी, नहीं चलेगी', 'पुलिस प्रशासन होश में आओ' जैसे नारे लगाती रही।
अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान कुछ अराजक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। आगजनी, पथराव भी हुआ था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चार थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगाया गया था। मगर चार घंटे के प्रयास के बाद बाद स्थिति सामान्य देख कफ्र्यू हटा लिया गया है। माहौल बिगाड़ने वालों की तलाश की जा रही है। फिलहाल स्थिति सामान्य है।
राजमणि यादव, डीएम