व्यापमं: 2 लाख रुपए रिश्वत नहीं दी तो फर्जी आरोपी बना डाला

ग्वालियर। व्यापमं घोटाले में लोगों से किस कदर वसूली की गई है, और पैसा ना देने वालों को निर्दोष होते हुए भी कैसे फंसा दिया गया। इसका एक और नमूना पेश आया है। जीआरएमसी के विधि विभाग के प्रभारी सुबोध मिश्रा ने दशरथ गुर्जर की जगह दशरथ जाटव को आरोपी बना डाला, क्योंकि एक दोनों का एक जैसा नाम था और इसी कारण दशरथ जाटव भी जांच की जद में आ गया था। सच्चाई सामने आने के बावजूद सुबोध मिश्रा ने दशरथ जाटव से 2 लाख रुपए की मांग की। नहीं दिए तो केस दर्ज करवा दिया। अब हाईकोर्ट ने सुबोध मिश्रा को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। 

न्यायमूर्ति यूसी माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने जाटव की याचिका पर सुनवाई करते हुये, सुबोध मिश्रा को नोटिस जारी किये। दशरथ ने एड्वोकेट उमेश बौहरे के माध्यम से पेश याचिका में कहा कि मेडीकल काॅलेज के सुबोध मिश्रा ने दो लाख की रिश्वत मांगी थी, पैसे न देने पर पीएमटी मामले में फंसाने की धमकी दी थी। जब उसने पैसे नहीं दिये, तो उसे घोटाले में फंसाकर झांसी रोड़ थाने में मामला दर्ज कराया गया। जबकि वर्ष 2010 की संदिग्ध छात्रों की सूची में जिस दशरथ गुर्जर का नाम था, उसका नाम हटा दिया। याचिका में केस की जांच कर लीगल एडवाईजर पर कार्यवाही की मांग की है। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!