भोपाल। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल के 250 कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली (सीआर) दोबारा लिखवाई जा रही है। सीआर मंडल के तत्कालीन सचिव संतोष मिश्र के बंगले पर हस्ताक्षर के लिए भेजी गई थीं, जो वापस होने के बाद गायब हो गई हैं। इनमें पंजीयक, सहायक सचिव, कक्ष अधिकारी सहित अन्य कर्मचारियों की सीआर शामिल है।
वर्ष 2012-13 में दो सौ से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सीआर पर सचिव के हस्ताक्षर हो गए थे। जबकि 250 कर्मचारियों की सीआर उनके बंगले पर भेजी गई थी। सूत्र बताते हैं कि बंगले से सीआर लौटकर आ गई थीं, जो सचिव के निजी कक्ष के एक कर्मचारी को सौंपी गई थीं। फिर भी सीआर नहीं मिलीं। मंडल ने इस संबंध में तत्कालीन सचिव मिश्र से भी पूछा है और उन्होंने सीआर वापस होना बताया है। लगभग दो साल तक ढूंढने के बाद भी जब सीआर नहीं मिलीं, तो मंडल के अधिकारियों ने नए सिरे से लिखने को कहा है। इनमें से ज्यादातर अधिकारियों और कर्मचारियों की सीआर तैयार भी कर ली गई है। बस, तत्कालीन सचिव के हस्ताक्षर कराने की कोशिशें चल रही हैं।
20 कर्मचारियों के प्रमोशन अटके
सीआर नहीं मिलने से तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 20 कर्मचारियों की पदोन्न्ति अटक गई है। इन कर्मचारियों को 8 माह पहले पदोन्न्ति मिल जानी चाहिए थी। मामले में सहायक ग्रेड-1 साहब सिंह हाईकोर्ट की शरण में चले गए हैं।