भोपाल। मप्र में बिजली कंपनियों की दादागिरी के किस्से लगातार बढ़ते जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को मनमाने बिल थमाए जा रहे हैं और आपत्ति जताने पर जेल भेजने की धमकियां दी जा रहीं हैं। सामान्यत: प्रशासनिक अफसर भी ऐसी शिकायतों पर ध्यान नहीं देते लेकिन जबलपुर प्रशासन के अधिकारी उस समय हक्के बक्के रह गए जब सीईओ जिला पंचायत के घर का बिल 5000 रुपए और एडीशनल सीईओ का बिल 10000 रुपए भेज दिया गया।
इस मामले को लेकर जबलपुर जिला पंचायत की मीटिंग में जमकर बवाल मचा। बिजली कंपनी के अधिकारियों को तलब किया गया और खूब लताड़ लगाई। बैठक में बिजली विभाग से जुड़े मुद्दे पर जिला पंचायत सदस्य रामकृष्ण पटेल, नन्हेलाल धुर्वे, वंदना पटेल, खिल्लू अहिरवार व जबलपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष संजय पटेल ने ग्रामीणों को बिना रीडिंग एवरेज बिल भेजने के आरोप लगाए। सदस्यों का कहना था कि तिलहरी, गढ़गोरखपुर, समनापुर, बरेली इंद्रा कुरहट गांव में बिजली नहीं है फिर भी ग्रामीणों के यहां 5 से 6 हजार रुपए तक के एवरेज बिल भेजे जा रहे हैं। दलाल गांववालों से 2 से 3 हजार रुपए वसूल कर बिजली बिल कम कराने के नाम पर लूट-खसोट कर रहे हैं।
और फिर सीईओ तमतमाईं
सीईओ जिला पंचायत नेहा मारव्या ने विद्युत मंडल के कार्यपालन अभियंता ग्रामीण नीरज कुचिया से जानना चाहा कि यदि हर माह मीटर रीडिंग होती है तो मेरे घर पर 5 हजार का बिजली कैसे आया। इतनी बिजली तो जलती ही नहीं। अतिरिक्त सीईओ के यहां भी 10 हजार का बिल आया है। जब अधिकारियों के यहां एवरेज बिल भेजे जा रहे हैं तो आम जनता के यहां तो भेजे ही जाते होंगे। कार्यपालन अभियंता ने कहा कि आपका मामला शहर का है मेरे अंडर में ग्रामीण क्षेत्र हैं। अधिकारी की बॉडी लैंग्वेज और जवाब देने के तरीके पर सीईओ सहित जिला पंचायत सदस्यों ने आपत्ति जताई और कार्रवाई की मांग कर डाली।
कहां और कब से पदस्थ हैं आप
सीईओ ने कार्यपालन अभियंता से पूछा कि जबलपुर में आप कब से पदस्थ हैं। जवाब मिला कि 5 साल से। दुबारा पूछने पर अभियंता ने कहा कि जिले में 5 साल और सर्किल में 3 महीने ही हुए हैं। बिजली अधिकारी के गोलमोल जवाब और सदस्यों की मांग पर सीईओ ने बिजली अधिकारी से पिछले पांच सालों में क्षेत्र में किए गए मेन्टेंनेंस के कार्य, सामग्री की खरीदी, स्टॉक रजिस्टर सहित बिजली चोरी के एवज में की गई वसूली का पूरा पांच साल का ब्यौरा पेश करने के निर्देश दिए। साथ ही विद्युत मंडल के एमडी से कार्यपालन अभियंता की शिकायत करने की कार्रवाई भी मिनिट्स में लिखने कहा।