खुद पर इतना विश्वास रखो की सामने वाला अनकम्फर्टेबल हो जाए: सिंधिया

Bhopal Samachar
भोपाल। सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी ऐसे गिफ्ट हैं जो हमारा जीवन बदल सकते हैं लेकिन, इनका इस्तेमाल कैसे करना है ये हमारे हाथों में है। मैंने साल 2002 में पहला चुनाव लड़ा था उस वक्त और 2014 के विधानसभा चुनाव में काफी अंतर था। साल 2014 के चुनाव में सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये बातें सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीएसएसएस कॉलेज में "युवा नेतृत्व से बेहतर विश्व का निर्माण" विषय पर आयोजित टॉक शो में कही।

इस मौके पर सिंधिया ने कहा कि मैं बहुत कम बोलूंगा क्योंकि मैं दोनों तरफ से होने वाले संवाद पर यकीन रखता हूं। एक अच्छे लीडर की क्वालिटी होती है कि वो बोले कम और सुने ज्यादा।
इस बीच सिंधिया ने स्टूडेंट्स से पूछा कि आपको क्या लगता है कि इंसान लीडर होता है या बनता है? स्टूडेंट्स ने जवाब दिया कि लीडर बनते हैं। खुश होकर सिंधिया ने कहा राइट।

स्पाइडर मैन का उदाहरण देते हुए सिंधिया ने कहा कि ग्रेट पावर कम्स विद ए ग्रेट रिस्पांसबिलिटी। अपनी स्पीच खत्म करने के बाद सिंधिया मंच से उतरकर यूथ के बीच पहुंचे और उनके सवालों का जवाब दिया।

खुद पर इतना विश्वास रखो की सामने वाला अनकम्फर्टेबल हो जाए
यूथ को फियरलेस होना चाहिए क्योंकि 18 से 35 साल तक की उम्र में आपके पास खोने के लिए कुछ नहीं होता। इस उम्र में ज्यादा से ज्यादा सीखने का प्रयास करना चाहिए। यूथ हर वक्त खुद को आगे बढ़ने के लिए पुश करें और कोशिश करें की बदलाव ला सके। अपने आप पर इतना विश्वास रखो कि अपनी बातों से सामने वाले को अनकम्फर्टेबल कर दो।

सवाल-यूथ मानते हैं कि राजनीति एक डर्टी गेम है क्या ये सही है?
जवाब- हां बहुत हद तक मैं भी यही मानता हूं कि राजनीति एक गंदा खेल है लेकिन, सारे युवा यही मानेंगे तो इस गंदगी को साफ कौन करेगा। मैं चाहता हूं कि देश के युवा इस दलदल को साफ करने और समाज में परिवर्तन लाने के लिए राजनीति में जरूर आएं।

सवाल- राजनीति के क्षेत्र में आपका रोल मॉडल कौन है?
जवाब: राजनीति के क्षेत्र में मेरा एक ही रोल मॉडल रहा है, जो कि मेरे पिता माधवराव सिंधिया हैं। इसलिए नहीं कि वो मेरे पिता हैं बल्कि इसलिए क्योंकि वो एक पावरफुल नेता होने के साथ ही एक अच्छे इंसान भी थे। उनके साथ हुए हादसे ने मेरा जीवन बदल दिया और मैं राजनीति में आ गया।

सवाल- आपको इंस्पिरेशन कहां से मिलती है?
जवाब- हम सभी किसी न किसी इंस्पिरेशन की वजह से जीते हैं। मुझे ये अपने परिवार और अपने पिता से मिली है। मेरे पिता अक्सर कहा करते थे कि जिंदगी में हमारा लक्ष्य सिर्फ राजनीति करना नहीं बल्कि जन सेवा होना चाहिए। हां ये बात सच है कि पब्लिक सर्विस के लिए राजनीति ही एक अच्छा माध्यम है।

सवाल- ऐसी कौन सी बात है जिससे आपको इंडियन होने पर गर्व है?
जवाब- ऐसी कोई एक चीज नहीं है, जिसकी वजह से मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व है। ऐसी बहुत सारी चीजें है जिससे मुझे अपने इंडियन होने पर गर्व है। आप ही बताइए ऐसा कौन सा देश है जहां एक साथ चार धर्मों का जन्म हुआ है? मेरे ख्याल से ऐसा कोई देश नहीं है, लेकिन भारत एक ऐसा देश है जहां हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख और इसाई एक साथ रहते हैं। जीयो और जीने दो, वसुधेव कुटुंबकम और हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आपस में है भाई-भाई, अपनी इसी सोच से हम आगे बढ़ रहे हैं। हम भारतीय अपने दिमाग से नहीं, लेकिन अपने दिल से एक दिन दुनिया पर राज करेंगे।
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