राकेश दुबे@प्रतिदिन। मौजूदा हालात में बाढ़ महज प्राकृतिक प्रकोप नहीं, बल्कि मानवजन्य साधनों का त्रासदी है। ऐसे में बाढ़ के बढ़ते सुरसा-मुख पर अंकुश लगाने के लिए शीघ्र कुछ करना होगा। कुछ लोग नदियों को जोड़ने में इसका निराकरण खोज रहे हैं। हकीकत में नदियों के प्राकृतिक बहाव, तरीकों, विभिन्न नदियों के ऊंचाई-स्तर में अंतर जैसे विषयों का हमारे यहां कभी निष्पक्ष अध्ययन नहीं किया गया और इसी का फायदा उठा उछ ठेकेदार, सीमेंट के कारोबारी और भूमाफिया इस तरह की सलाह देते हैं। पानी को स्थानीय स्तर पर रोकना, नदियों को उथला होने से बचाना, बड़े बांध पर पाबंदी, नदियों के करीबी पहाड़ों की खुदाई पर रोक और नदियों के प्राकृतिक मार्ग से छेड़छाड़ रोकना कुछ ऐसे सामान्य प्रयोग हैं जो बाढ़ सरीखी भीषण विभीषिका का वाजिब जवाब हो सकते हैं।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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