मप्र के 89 प्रोफेसर्स की नौकरी खतरे में

इंदौर। हाईकोर्ट ने पीएससी द्वारा 2009 में प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में हुई 89 प्रोफेसरों की सीधी नियुक्तियों को लेकर दायर की गई याचिका का निराकरण किया है। कोर्ट में सरकार के वकील ने माना की नियमविरुद्ध नियुक्तियों के खिलाफ शासन कदम उठा रहा है।

एक नियुक्ति रद्द भी की गई है। इस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिए की याचिकाकर्ता सभी 89 नियुक्तियों को लेकर रीप्रजेन्टेशन शासन को दे। शासन समयावधि में उन पर कार्रवाई करे। नहीं तो याचिकाकर्ता कोर्ट मे आने के लिए स्वतंत्र है।

इस फैसले के बाद सरकारी कॉलेज मे प्रथान श्रेणी प्रोफेसर बने 89 लोगों की नौकरी खतरे मे पड़ती नजर आ रही है। नियुक्ति पाने वालों में व्यापमं के आरोपी पंकज त्रिवेदी के अंडर पीएचडी करने वाले करीबी के साथ कई लोग शामिल है। याचिकर्ता छात्र नेता पंकज प्रजापति की और से वकील अंशुमन श्रीवास्तव ने पैरवी की।
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