नई दिल्ली। 'मैगी' के बाद अब एक और लोकप्रिय नूडल्स ब्रांड 'यिप्पी' पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। उत्तर प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (एफडीए) यिप्पी नूडल्स में तय सीमा से ज्यादा सीसा मिलाए जाने की बात कहते हुए मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में है।
इस बीच 'यिप्पी' नूडल्स बनाने वाली कंपनी आईटीसी का कहना है कि उसे इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। उसका दावा है कि यह नूडल्स सेहत के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।
एफडीए के अलीगढ़ प्रभाग के प्रमुख चंदन पाण्डेय ने रविवार को बताया कि प्राधिकरण के अधिकारियों ने 21 जून को एक स्थानीय शॉपिंग मॉल से 'यिप्पी' नूडल्स के आठ नमूने लेकर लखनऊ तथा मेरठ की प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजे थे।
उन्होंने बताया कि शनिवार को उन नूडल्स की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसके मुताबिक इस उत्पाद में सीसा की मात्रा जहां 1 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) से कम होनी चाहिए, वहीं यह 1.057 पीपीएम पाई गई। सीसे की इतना मात्रा मानव शरीर, खासकर बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है।
पाण्डेय ने बताया कि जांच रिपोर्ट को एफडीए के मुख्य आयुक्त के पास भेजकर उनसे इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए अंतिम अनुमति मांगी गई है। इस प्रक्रिया में कुछ हफ्ते लग सकते हैं।
इस बीच, आईटीसी द्वारा जारी बयान के मुताबिक उसे इस बारे में प्रदेश सरकार से कोई शिकायत या कोई संवाद प्राप्त नहीं हुआ है। कंपनी का कहना है कि उसने यिप्पी नूडल्स के 700 से ज्यादा नमूनों की देश-विदेश की प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं में जांच करवाई है। इस दौरान उनमें या तो सीसा मिला ही नहीं अथवा तय मात्रा से भी कम पाया गया। बयान में दावा किया गया है कि 'यिप्पी' नूडल्स स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।