नई दिल्ली। दिल्ली में गवर्नमेंट एजेंसियों से जमीन पाने वाले सभी प्ले स्कूलों में अब 25 पर्सेंट ईडब्ल्यूएस कोटा लागू होगा। हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली सरकार ने प्ले स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए सीट रिजर्वेशन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह आदेश दिल्ली के सभी प्ले स्कूलों, क्रेच्स, नर्सरी (प्री स्कूल)/ प्री- प्राइमरी स्कूलों में लागू होगा। एडमिशन का फॉर्म्युला नर्सरी की तरह ही रहेगा। डिस्टेंस क्राइटेरिया को फॉलो किया जाएगा और तय सीटों से ज्यादा ऐप्लीकेशन होने पर फैसला ड्रॉ के जरिए होगा।
डिप्टी सीएम और एजुकेशन मिनिस्टर मनीष सिसौदिया की ओर से जारी किए गए आदेश में प्ले स्कूलों में एडमिशन को लेकर गाइडलाइंस भी तय कर दी गई हैं। प्ले स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कोटे में अप्लाई करने की कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं होगी। स्कूल प्रॉस्पेक्ट्स की फीस भी नहीं ले सकते। हर ऐप्लीकेशन के लिए एक रजिस्ट्रेशन नंबर होगा। प्ले स्कूल को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर सीटों की जानकारी देनी होगी। एडमिशन प्रोसेस की पूरी डिटेल होगी और एडमिशन शेड्यूल भी होगा। प्ले स्कूलों में नये सेशन से यह आदेश लागू हो जाएगा।
जिस तरह से नर्सरी में एडमिशन फॉर्म्युला होता है, उसी तरह से प्ले स्कूलों में भी एडमिशन प्रोसेस होगा। सबसे पहले 0-1 किमी की दूरी पर रहने वाले बच्चों की ऐप्लीकेशन को देखा जाएगा। उसके बाद 1-3 किमी की दूरी पर रहने वाले बच्चों को एडमिशन मिलेगा और फिर 3-6 किमी की दूरी होगी। उसके बाद भी अगर सीटें बचती हैं, तो फिर 6 किमी से ज्यादा दूरी पर रहने वाले बच्चों को एडमिशन मिलेगा।
अगर तय सीटों से ज्यादा ऐप्लीकेशन आती हैं, तो फैसला ड्रॉ के जरिए होगा। ड्रॉ के प्रोसेस से पहले पांच पैरंट्स के साइन होंगे। पैरंट्स की मौजूदगी में ड्रॉ होगा। एडमिशन के लिए बच्चे या पैरंट्स के इंटरव्यू पर बैन होगा। काउंसलिंग या कोई एग्जाम भी नहीं हो सकता। सरकार के आदेश के मुताबिक अगर किसी बच्चे को एडमिशन नहीं मिलता तो स्कूल को उसका कारण पैरंट्स को बताना होगा।
संस्था सोशल जूरिस्ट के एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने बताया कि यह मामला हाई कोर्ट में भी चल रहा था और कोर्ट ने नवंबर 2014 में प्ले स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कोटा लागू करने के दिशा- निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 300 से 350 प्ले स्कूल हैं, जहां पर एक से लेकर दो साल तक की प्री नर्सरी क्लासेज होती हैं। दो से तीन साल के बच्चे का इन प्ले स्कूलों में एडमिशन होता है। इस आदेश से पैरंट्स को काफी राहत मिलेगी।